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BHU को AMU बनाने की साजिश? उर्दू विभाग के पोस्टर पर महामना मालवीय जी की जगह अल्लामा इकबाल की तस्वीर

आपको बता दें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। यहां आयोजित एक वेबीनार कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र से BHU के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर हटाकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगने से बखेड़ा खड़ा हो गया है।

Prem Kashyap Mishra
  • Nov 10 2021 1:15PM

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी का माहौल ख़राब करने की साजिश हो रही है। जिस तरीके से AMU और JNU का हाल उपद्रवियों ने कर दिया है अब उसी तरह यह BHU का भी करना चाह रहे हैं। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी जिसकी नीव मदन मोहन मालवीय ने डाली थी। अंग्रेजी शासन के दौर में देश में एक स्वदेशी विश्वविद्यालय का निर्माण मदन मोहन मालवीय की बड़ी उपलब्धि थी। मालवीय ने विश्वविद्यालय निर्माण में चंदे के लिए पेशावर से लेकर कन्याकुमारी तक की यात्रा की थी।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बनाने के लिए मदन मोहन मालवीय को 1360 एकड़ जमीन दान में मिली थी। इसमें 11 गांव, 70 हजार पेड़, 100 पक्के कुएं, 20 कच्चे कुएं, 40 पक्के मकान, 860 कच्चे मकान, एक मंदिर और एक धर्मशाला शामिल था। अथक प्रयाश और मेहनत की वजह से आज BHU भारत के निर्माण तथा छात्रों को मूलभूत शिक्षा मुहैया कराने में मिल का पत्थर साबित हुआ है। लेकिन सवाल उठाना तब बेहद जरूरी हो जाता है जब मालवीय जी के तस्वीर BHU से हटा दिया जाए और उनकी जगह अल्लामा इक़बाल का लगाया जाए।

आपको बता दें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। यहां आयोजित एक वेबीनार कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र से BHU के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर हटाकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगने से बखेड़ा खड़ा हो गया है। जब इस मामले की शिकायत करने छात्र आर्ट्स फैकल्टी के डीन के दफ्तर पहुंचे तो आनन-फानन में बैकफुट पर आते हुए उर्दू विभाग ने अल्लामा इकबाल की तस्वीर हटा कर पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर लगा दी और अपने ट्विटर हैंडल से आर्ट फैकेल्टी ने माफी भी मांगी।

बता दें की बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग द्वारा उर्दू दिवस पर एक वेबिनार का आयोजन किया जाना था। इसको लेकर डिपार्टमेंट ने फेसबुक पर आमंत्रण का पोस्टर जारी किया था। पोस्टर में पाकिस्तान के उर्दू शायर अल्लामा इकबाल की तस्वीर थी लेकिन बीएचयू के संस्थापक पंडित मदनमोहन मालवीय का फोटो गायब था। एबीवीपी और आरएसएस के विंग से जुड़े छात्रों ने इस पोस्टर का विरोध करना शुरू किया। मामले को बढ़ता देख उर्दू डिपार्टमेंट ने फेसबुक और अन्य प्लैटफॉर्म से अल्लामा इकबाल की तस्वीर वाली पोस्टर को तत्काल हटा लिया गया।

आपको बता दें कि बीएचयू में हर साल उर्दू दिवस पर लगाए जाने वाले पोस्टर में विश्ववाद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की तस्वीर हुआ करती थी लेकिन इस बार पोस्टर पर महामना की तस्वीर के जगह पर पाकिस्तान के अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगा दी गई। महामना की तस्वीर हटाने के बाद विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया। पोस्टर पर भड़के आक्रोश के बाद विश्वविद्यालय ने उर्दू विभाग के HoD प्रोफेसर आफताब अहमद को चेतावनी पत्र जारी किया और इस मामले में जांच के लिए एक कमिटी बना दी है। वहीं, विभागाध्यक्ष अहमद ने माफी मांगते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। 

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