देश में जहां एक तरफ स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के शुभारम्भ से खुशी मनाई जा रही है, तो वहीं कुछ पार्टींयां ऐसी हैं जिन्होंने स्वदेशी वैक्सीन पर सवाल खड़े करना शुरु कर दिया है। जिसमें सबसे आगे कांग्रेस पार्टी नज़र आ रही है।
दरअसल कोरोना वैक्सीन के देश में निर्माण के साथ ही राजनीति शुरु हो गई थी। सबसे पहले सपा प्रमुख आखिलेश यादव ने वैक्सीन न लगवाने का एलान किया था और आज जब देश के प्रधानमंत्री द्वारा वैक्सीन का शुभारम्भ शुरु कर दिया गया है, तो अब इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिये हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सवाल उठाए हैं कि यदि वैक्सीन इतना सुरक्षित और विश्वसनीय है तो सरकार के मंत्रियों ने टीका क्यों नहीं लगवाया, जैसा कि विदेशों में सबसे पहले राष्ट्र प्रमुखों ने कोरोना का टीका लगवाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने वैक्सीन्स के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि टीकों के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। मनीष तिवारी ने कहा, ''कई प्रख्यात डॉक्टरों ने सरकार के सामने कोवैक्सीन के प्रभावी और सुरक्षा के संबंध में सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि वे नहीं चुन सकेंगे कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लेनी है।
वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल
मनीष तिवारी ने आगे कहा कि अगर वैक्सीन इतनी सुरक्षित और विश्वसनीय है और इसकी एफिकेसी सवाल से परे है तो फिर यह कैसे हो सकता है कि सरकार से जुड़ा कोई भी खुद के टीकाकरण के लिए आगे नहीं आया, जबकि दुनिया के अन्य देशों में ऐसा ही हुआ है।'
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों सभी सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता से कोरोना का टीका दिलाने की मांग को साफ न कह दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे जनता में गलत संदेश जाएगा। बता दें कि देश में सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। आज तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लग जाएगा। वहीं, आम जनता को टीका लगने से पहले बुजुर्गों को लगाया जाएगा।