देश में अब जिस तरह से कोविड - 19 के मामले रोजाना 40,000 के नंबर के ऊपर पहुंच रहे हैं, उसके बाद आशंका जाहिर की जा रही है कि हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज में जा सकते हैं. वैसे ये किसी भी महामारी के फैलने की चौथी स्टेज कही जाती है ।
देश में अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ गया है. आइए जानते हैं कि क्या है कम्युनिटी ट्रांसमिशन. कैसे भारत में इसका खतरा अब मंडराने लगा है
आईसीएमआर ने देश में अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जाहिर नहीं की थी लेकिन अब उसका कहना है कि ऐसा होने की आशंका बढ़ गई है.कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित जगह की यात्रा किए बगैर ही इसका शिकार हो जाता है.यह संक्रमण का तीसरा स्तर होता है. इसके बाद बड़े पैमाने पर संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है
कौन सी ऐसी बीमारियां हैं, जिसमें मानव ने हर्ड कम्युनिटी के जरिए जीत हासिल की?खसरा , पोलियो और चिकन पॉक्स कुछ ऐसी संक्रामक बीमारियां थीं, जो पहले बहुत फैलती थीं. इनसे बहुत लोग मरते थे लेकिन फिर लोग इनसे इम्यून हो गए.
- अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन के चीफ़ मेडिकल अफ़सर डॉक्टर एडुआर्डो सांचेज़ ने ब्लॉग में लिखा है, इंसानों के किसी झुंड (अंग्रेज़ी में हर्ड) के ज़्यादातर लोग अगर वायरस से इम्यून हो जाएं तो फिर वायरस का फैलाव मुश्किल हो जाता है. एक सीमा के बाद इसका फैलाव रुक जाता है. हालांकि इसमें समय लगता है ।