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रांची नगर निगम की उपेक्षा को ले कर, रांची की महापौर आशा लकड़ा और सरकार के बीच जारी है शीतयुद्ध!

रांची नगर निगम की महापौर आशा लकडा और सरकार के बीच जारी है शीतयुद्ध, मेयर ने प्रेस बयान जारी कर रांची डीसी पर भी निशाना साधा है. मेयर ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए निर्धारित और उल्लेखित जिला आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत राँची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने हमेशा निगम को दरकिनार किया है।

Arvind Pratap, State Head
  • Jun 6 2020 3:46PM

रांची: रांची नगर निगम की महापौर आशा लकडा और सरकार के बीच जारी है शीतयुद्ध, मेयर ने प्रेस बयान जारी कर रांची डीसी पर भी निशाना साधा है. मेयर ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए निर्धारित और उल्लेखित जिला आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत राँची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने हमेशा निगम को दरकिनार किया है। वे स्वयं निर्णय लेते रहे जबकि उनकी अध्यक्षता में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी की एक भी  बैठक नहीं की गई। शहर की मेयर होने के नाते मैं भी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 25 के 2 के तहत स्थानीय निर्वाचित चेयरपर्सन होने के नाते इस कमेटी की अध्यक्ष हूं। संवैधानिक रूप से मेयर होने के नाते नियमानुसार उपायुक्त के हर निर्णय में मेरी सहमति आवश्यक थी। इस संबंध में रांची के उपायुक्त से दो बार पत्राचार भी किया गया परंतु राज्य सरकार के दबाव में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत बैठक नहीं की गई और संविधान निहित मेरे अधिकारों  को दरकिनार किया गया। दरअसल डर यह था कि बैठक होने पर राज्य सरकार एवं प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल जाएगी इसी कारण से उपायुक्त ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को दरकिनार कर हमेशा, स्वयं निर्णय लेते रहे हैं। आज शहर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या खत्म नहीं हुई है रेड जोन से ऑरेंज जोन में आने के बाद उपायुक्त ने प्रभावित क्षेत्र को सील मुक्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन सील मुक्त करने से पूर्व उन्होंने हिंदी क्षेत्र में कई की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक भी नहीं किया यदि पूरे मामले में  डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी की बैठक बुलाकर सभी की सहमति के बाद उचित निर्णय लिया जाता तो आने वाले समय में हमारा शहर कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता था। उपायुक्त ने इस गंभीर परिस्थिति में भी स्वयं निर्णय लेकर मेयर पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है। नगरपालिका अधिनियम एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मेयर को दिए गए अधिकारों का आज हनन किया जा रहा है।  आज राँची शहर की स्थिति बहुत ही भयावह बन गया है कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। सभी हाट बाजार पूर्ण रूप से खोल दिए गए हैं, लोग निश्चिंत होकर पहले की भांति सामान्य रूप से घूम रहे हैं, ऑटो रिक्शा भी चलाए जाने का प्रशासन के द्वारा आदेश दिया गया है, परंतु भाड़ा तय नहीं किया गया है जिससे आम जनता एवं ऑटो वालों के बीच असमंजस की स्थिति है। यही कारण है कि लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।हिंदपीढ़ी एवं रांची के अन्य क्षेत्रों से  लगातार कोरोना  पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हो ही रही है । जिस क्षेत्र से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं उन सभी क्षेत्रों के आसपास के मोहल्ले को सील किया जाना चाहिए एवं संक्रमित के संपर्क में आने वाले की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी किया जाना चाहिए था और ट्रेसिंग के बाद संपर्क में आए लोगों का सैंपल जांच कराया जाना था जो नहीं हो रहा है। कोरोना  का सबसे पहला मामला हिंदपीढ़ी  से ही मिला था जिससे के बाद लगातार पॉजीटिव केस मिल रहे थे इधर कुछ दिनों से सही तरिके से जांच नहीं होने के कारण संक्रमित अब नहीं मिल रहे हैं जबकि गुरुवार को मिला मरीज इस बात का गवाही दे रहा है कि हिंदपीढ़ी में अब भी कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। राजधानी में अब तक कुल 19 पॉजीटिव केस बचे हैं राज्य सरकार कभी नगर विकास विभाग के अधिकारियों के माध्यम से तो कभी जिला प्रशासन के अधिकारियों के माध्यम से लगातार नगरपालिका अधिनियम का उल्लंघन करा रही है जिसके कारण निगम को काम करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। कहीं न कहीं राज्य सरकार के इशारे पर राँची के विकास को अवरुद्ध करने की ये कोशिशें हो रही है।

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