यूपी विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन आज सीएम योगी विपक्ष पर खासे हमलावर नजर आए। बीते कुछ दिनों में विपक्ष जिस तरह राम और परशुराम को लेकर सरकार पर हमलावर था, उस पर योगी ने जमकर प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि राम और परशुराम में कोई अंतर नहीं है। दोनों विष्णु के ही अवतार हैं। बस कुछ लोगों की बुद्धि में भेद है। मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस के सीता स्वयंवर में धनुष भंग प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने राम और परशुराम के सम्बन्धों को रामचरित मानस में स्पष्ट किया है। इस प्रसंग में राम कहते हैं-'राममात्र लघु नाम हमारा, परशुसहित बड़ नाम तुम्हारा, सब प्रकार हम तुमसन हारे, क्षमहु विप्र अपराध हमारे।'
आगे सीएम ने यह भी कहा कि रोम के लोग भी अब राम का नाम ले रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर कोरोना काल में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि 492 साल पुराना विवाद खत्म हुआ है। विपक्ष पर कटाक्ष जड़ते हुए योगी बोले कि जो राम का हुआ उसके सारे काम सिद़ध होते जाते हैं। वह सबके लिए पूज्य हो जाता है जैसे बजरंग बली हनुमान और महर्षि वाल्मिकि। लेकिन जिसने राम के साथ द्रोह किया उसकी दुगर्ति मारीच जैसी होती है।