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महामेधा अर्बन कॉपरेटिव बैंक के खाता धारकों का दावा पत्र आमंत्रित

बैंक में अनेक प्रकार की वित्तीय अनियमितता गबन धोखाधड़ी आदि के प्रकरण प्रकाश में आने पर जमा कर्ताओं के व्यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 21 अगस्त 2017 को उक्त बैंक का बैंकिंग लाइसेंस वापस ले लिया गया

Anchal Yadav
  • Jun 18 2020 4:47PM
नोएडा/गाजियाबाद-अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गाजियाबाद जो उत्तरप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 के अंतर्गत निबंधित एक प्राथमिक सहकारी समिति है को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जनपद गाजियाबाद हापुड़ एवं गौतमबुद्धनगर में बैंकिंग कारोबार करने हेतु 2001 में बैंक विनिमयकारी अधिनियम 1949 के अंतर्गत अनुमति प्रदान की गई थी।

उक्त नगरीय सहकारी बैंक में अनेक प्रकार की वित्तीय अनियमितता गबन धोखाधड़ी आदि के प्रकरण प्रकाश में आने पर जमा कर्ताओं के व्यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 21 अगस्त 2017 को उक्त बैंक का बैंकिंग लाइसेंस वापस ले लिया गया तथा आयुक्त व निबंधक सहकारिता उत्तर प्रदेश से उक्त बैंक के परिसंपत्तियों दायित्वों के निस्तारण हेतु परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया गया था। तद्क्रम में संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता मेरठ मंडल मेरठ द्वारा दिनांक 31 अगस्त 2017 को अपर जिला सहकारी अधिकारी दादरी को उक्त बैंक को परिसमापित करने हेतु परिसमापक नियुक्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि उक्त बैंक की मुख्य शाखा 36 नई बस्ती गाजियाबाद में तथा एक शाखा राजनगर गाजियाबाद, सेक्टर 49 नोएडा, सूरजपुर, दादरी एवं हापुड़ में स्थित है।बैंक के कुल 37588 खाताधारकों का 100.47 करोड रुपए बैंक में जमा है /था।
उपर्युक्त खाताधारकों में 36176 खाताधारक एक लाख से कम के खाता धारक है तथा 1412 खाताधारक जिनकी जमा धनराशि 1 लाख से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंक विनिमयकारी अधिनियम 1949 के अंतर्गत बैंकिंग कारोबार का लाइसेंस जिन बैंकों को प्रदान किया जाता है के निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी अधिनियम 1961 की धारा 2G से आच्छादित खाताधारकों की धनराशि उल्लिखित सीमा तक बीमित होती है।
तदक्रम में 5 सितंबर 2018 को बैंक के खाताधारकों के बीमित धनराशि के भुगतान हेतु निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम मुम्बई में दावा प्रस्तुत किया गया था। तत्कालीन बैंक प्रबंधन द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकिंग कारोबार संबंधी लाइसेंस वापस लिए जाने से क्षुब्ध होकर बैंक विनिमय कारी अधिनियम 1949 की धारा 22(5) के अंतर्गत अपीलीय प्राधिकारी/संयुक्त सचिव वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवाएं विभाग नई दिल्ली के समक्ष अपील संख्या 14 सी /2017 (एसी) योजित की गई थी जिसके कारण उक्त बैंक के बीमित खाताधारकों की बीमित धन राशि का भुगतान निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी कारपोरेशन द्वारा होल्ड पर रखा गया था।


बैंक प्रबंधन द्वारा दाखिल अपील अपीलीय अधिकारी द्वारा 27 फरवरी 2020 को खारिज कर दी गई जिसके क्रम में परिसमापक द्वारा 4 मार्च 2020 को डीआईसीजीसी से बीमित धन राशि के भुगतान का अनुरोध किया गया।डीआईसीजीसी द्वारा 30 मार्च 2020 को परिसमापक द्वारा प्रस्तुत दवा पत्र को स्वीकार करते हुए उक्त बैंक के 33004 खाता धारकों की 30.16 करोड़ की धनराशि निर्गत कर दी गई है जिसका नियमानुसार जमा कर्ताओं का दावा-पत्र प्राप्त कर और परीक्षण कर एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया जाना है।
जमा कर्ताओं के प्राप्त दावा पत्र का परीक्षण कर प्रस्तुत बैंक एडवाइज के आधार पर बैंक के लिक्विडेटर के मुम्बई स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के सेंट्रल खाते से धन राशि का अंतरण किया जाएगा।
उक्त बीमित धनराशि के नियमानुसार भुगतान हेतु दावा पत्र के प्रारूप के साथ 18 जून 2020 के एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में लिक्विडेटर द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशित कर समस्त अर्ह खाताधारकों के दावा पत्र आमंत्रित किए गए हैं। अवधेश खाताधारक जिनके संबंध में डीआईसीजीसी द्वारा आपत्तियां की गई है के संबंध में आपत्तियों का निस्तारण कर अनुपूरक दावा पत्र प्रस्तुत किया जाएगा।
बैंक में गबन वित्तीय अनियमितता धोखाधड़ी आदि के संबंध में आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता उत्तर प्रदेश के निर्देश पर विशेष ऑडिट कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उक्त ऑडिट रिपोर्ट का परीक्षण कर दोषियों की परिसंपत्ति से धनराशि की वसूली एवं दोषियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराए जाने हेतु हेतु उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 68(1) के अंतर्गत जांच आख्या प्रस्तुत करने हेतु संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता मेरठ मंडल मेरठ द्वारा सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता गाजियाबाद की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो जांच कार्य कर रही है।
बैंक में वित्तीय अनियमितता गबन धोखाधड़ी मे संलिप्त प्रबंध कमेटी के पदाधिकारियों एवं बैंक के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की अचल संपत्ति को दायित्व निर्धारण के आदेश निर्गत होने तक उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 94 के अंतर्गत अटैचमेंट की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।उक्त के अतिरिक्त बैंक के 127 बड़े बकायदार जिन पर बैंक का लगभग 38 करोड रुपए मूलधन तथा जमा तिथि तक का ब्याज बकाया है उनके विरुद्ध वसूली की कार्रवाई भी की जा रही है।
अतः बैंक के समस्त खाताधारकों से अनुरोध है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए केवल पंजीकृत डाक से संलग्न दावा-पत्र पर निर्दिष्ट प्रपत्रों के साथ ʼʼपरिसमापक, महामेधा अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गाजियाबाद (परी0), 36-नई बस्ती गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पिन कोड-201001ʼʼ के पते पर प्रेषित किया जा सकता है।

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