सत्य सनातन की यही वह सुंदरता है की जो इसको जानता है वह इसी का हो जाता है। इसीलिए इस पद्धति को मजहब नहीं बल्कि धर्म कहा गया है। हिंदू धर्म को और इसके देवी देवताओं को जिसने भी जाना वह इसी का हो गया और उसने इस को आत्मसात कर लिया। जरा विचार करिए कि दूर देश यूरोप के एक परिवार को लॉकडाउन में जब फंसना पड़ा तब महादेव शिव के 1 मंदिर के कपाट उनके लिए खुल गए और धीरे-धीरे महादेव का प्रसाद और भजन कीर्तन उस फ्रांसीसी परिवार का एक अंग बन गया । आज वही फ्रांसीसी परिवार सत्य सनातन के रंग में ऐसा रंग गया है कि वह वापस अपने देश जाना ही नहीं चाहता है और भारत सरकार से यह निवेदन कर रहा है कि उसे उस मंदिर में रहने दिया जाए जहां उनके महादेव शिव का वास है।
निश्चित तौर पर कुछ अन्य मत मजहबो के इबादत गाहों की एक सीमा होती है परंतु हिंदुत्व सबके लिए समान है , इसको उस फ्रांसीसी परिवार से बेहतर कोई और नहीं जानता होगा.. एक फ्रांसीसी परिवार भारत घुमने आया था इसी बीच कोरोना के कारण पूरे देश मे लॉक डाउन लगा दिया गया।।जिसके बाद यह परिवार यूपी के महराजगंज के एक गांव में फंस गया पर अब यह गांव इस परिवार को इतना भा गया कि उन्होंने वीजा बढाने की अर्जी लगा दी।।यह फ्रांसीसी परिवार लॉकडाउन के वक्त से कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवां के शिव मंदिर परिसर में रुका था।। फ्रांसीसी परिवार सोमवार को दिल्ली स्थित फ्रांस के दूतावास के लिए रवाना हो गया।।फ्रांसीसी परिवार के सदस्यों की वीजा अवधि खत्म होने को है और ऑनलाइन अवधि बढ़ाने की प्रक्रिया में पेंडिंग बता रहा है।
जरूरी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद परिवार के फिर गांव लौटने की संभावना है।। फ्रांस के टूलूज शहर निवासी पैट्रीस पैलेरस, उनकी पत्नी वर्गिनी पैलेरस, दो बेटियां ओफिली पैलेरस व लोला पैलेरस और बेटा टाम पैलेरस अपने निजी वाहन से दिल्ली रवाना हो गए। ये लोग 1 मार्च 2020 को पाकिस्तान से बाघा बार्डर होते हुए भारत में आए थे। लॉकडाउन में यहां फंस गए। 22 मार्च से मंदिर परिसर में अपना आशियाना बना लिया। थानाध्यक्ष पुरंदरपुर शाह ने बताया कि फ्रांसीसी परिवार ने बीजा अवधि संबंधी दस्तावेज पूर्ण कराने के लिए दिल्ली स्थित फ्रांस के दूतावास जाने की सूचना दी है।