चीन की जिस बिजली मीटर की कंपनी को भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने ठुकरा दिया उसी चाइनीज कंपनी को भारत ने बड़ा काम दे दिया। चीन ने इंडोनेशिया के बहाने चाइनीज बेस मीटर कंपनी बनाकर टेंडर में हिस्सा लिया और कम कीमतों पर सप्लाई की शर्तों को पूराकर टेंडर हथिया लिया। अब पड़ताल में अब सामने आया है कि यह कंपनी इंडोनेशिया की न होकर चीन की है। गौर करने वाली बात यह है कि इसी कंपनी को नेपाल ने प्रीबिड में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन तकनीकी स्तर पर नेपाल से कहीं ज्यादा मजबूत होने के बावजूद भारत ने चीन की इसी कंपनी को बिना सोचे-समझे ही बड़ा काम दे डाला ।
भारत और चीन के बीच इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा है। नेपाल भी भारत की तरफ आंखें तरेरने लगा है। भले ही नेपाल भारत से तकनीकी तौर पर काफी पीछे हो लेकिन भारत में बिजली मीटर की सप्लाई के टेंडर को लेकर नेपाल में जिस कंपनी को फ्रॉड मानते हुए प्री बिड से बाहर कर दिया उसी चाइनीज कंपनी को भारत ने अपना लिया। भारत में हेक्सिंग मीटर की सप्लाई इंडोनेशिया की एक कंपनी को दी गई लेकिन वास्तविकता में यह कंपनी चीन की निकली। चीन की कंपनी का ही लोगो इंडोनेशिया की कंपनी पर लगा हुआ है। नेपाल की दामोदर वैली में चीन की जिन 10 कंपनियों ने हिस्सा लिया था और उनमें पीटी हेक्सिंग कंपनी ने भी टेंडर डाला था लेकिन टेक्निकल बिड में ही इसे बाहर का रास्ता दिखाया गया था उसी मीटर सप्लाई करने वाली चाइनीज कंपनी को भारत में ठेका दे दिया गया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐसे 8000 पीटी हेक्सिंग मीटर पहुंचने वाले हैं। इसे लेकर अब सुदर्शन न्यूज़ ने ऐसा काग़ज़ खोजा है जिसको देखकर आप चौक जाएंगे, दरसल नेपाल में बिड के दौरान इस कंपनी को वहां रिजेक्ट कर दिया था लेकिन भारत मे काम पाने के लिए इस कंपनी ने खुद को इंडोनेशिया की कंपनी बताकर टेंडर हासिल कर लिया। मीटर सप्लाई करने वाली कंपनी पीटी हेक्सिंग चाइनीज बेस कंपनी है।
आपको बता दें कि 2006 में भी चीन की कंपनियों के मीटर लगाए थे, लेकिन ये इतने घटिया क्वालिटी के थे कि कुछ ही दिन बाद सभी मीटर उतारने शुरु हो गए। अब एक बार फिर चीन की कंपनी को इस तरह का टेंडर देना सरकार को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।