पेंशन कोष पहुँचा रहा था चीन को फायदा ? अब बदल दिया जाएगा वो नियम और नुकसान होगा हमारे जवानों के हत्यारे वामपंथी देश को
पेंशन कोष मे नियम बदलने की तैयारी से भारत का चीन को एक ओर झटका
भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव जारी है. जिसके बाद भारत चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाता जा रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ताजा फैसले से चीन को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है. वित्त मंत्रालय ने चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष (Pension Fund) में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव जारी किया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.
इस नीति के लागू होते ही, चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.
इस बीच, व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( CTI) ने BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली को पत्र लिखा है.
दरअसल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दोरान चीनी कंपनी vivo IPL मे निवेश करती हैं. हालांकि इस निवेश से BCCI और सरकार को भी फायदा होता है l CTI ने चीन के दखल को लेकर BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली को पत्र लिखा है.
CTI द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि BCCI ने चीनी कंपनियों से करार रद्द नहीं किया तो दिल्ली समेत देश के सभी व्यापारी IPL समेत सभी घरेलू अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज का बहिष्कार करेंगे और इसके खिलाफ CTI अभियान भी चलाएगा.
सहयोग करें
हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प