कांग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ में सरकार गौवंशों को संरक्षित रखने का दावा करती है। कई योजनाएं भी चला रही है। लेकिन राज्य के तखतपुर व्यवसायिक परिसर के पास स्थित एक पुराने बंद पड़े पंप हाउस में 14 गौवंश सड़ी गली मृत हालत में पाई गई हैं, जिससे क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई। आनन फानन में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और जेसीबी से पंप हाउस का दरवाजा तोड़कर मृत गायों के शवों को बाहर निकाला गया। गायों के शवों की स्थिति देखकर लगता है कि गायें 4 से 5 दिन पूर्व मर चुकी थी। जब पंप हाउस का दरवाजा तोड़कर खोला गया तो एक गाय जीवित अवस्था में थी। पंप हाउस में गायों के मरने की जानकारी आसपास बदबू फैलने के कारण हुई सरपंच प्रतिनिधि के बताएं अनुसार पंचायत में बैठक के दौरान तेज दुर्गंध आने की वजह से दुर्गंध कहां से आ रही खोजा गया तो पुराने पंप हाउस से दुर्गंध आना पाया गया तो खिड़की तोड़कर देखने पर गाय मरी पड़ी थी।
बतादें कि नेवरा वही गांव है, जहां के आदर्श गौठान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहला हरेली त्यौहार मनाकर गौठान योजना की शुरुआत की थी। इन गायों को किसने पंप हाउस में बंद किया था? और कब बंद किया था ?इसकी जानकारी किसी को नहीं है। जबकि पंप हाउस जहां पर है, वहां ग्राम पंचायत के द्वारा व्यावसायिक परिसर का निर्माण कराया गया है और दुकानें बनाई गई है। उसी के पास में पंचायत भवन और एक स्कूल भी है ।
पंप ऑपरेटर रोज इस पंप हाउस के बगल में पानी की सप्लाई खोलने और बंद करने भी आता है। किंतु इस दौरान किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि पंप हाउस में किसी ने इतनी संख्या में गाय को बंद करके रख दिया है।
घटना के बाद पंप हाउस में बड़ी संख्या में गायों के मरने की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई और जेसीबी के द्वारा पंप हाउस के दरवाजे को तोड़कर मृत गाय के शवों को उठाकर गांव से बाहर मैदान में दफना दिया गया। विपक्ष जहां इसे शासन प्रशासन की लापरवाही बताते हुए जवाबदारी तय करने की मांग कर रहा है, तो वहीं सत्तापक्ष इसे चुनाव के समय की गई साजिश बता बताकर जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का रटी रटाई बता कह रहा है।