हाल ही में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद हर जगह इस फैसले का विरोध होना शुरू हो गया। बता दें बड़े स्तर पर हो रहे विरोध के चलते डीडीएमए ने आज यानी बुधवार को बैठक के बाद अपना यह फैसला है।
आपको बता दें कि आज की बैठक में फैसला लिया है कि दिल्ली के छठ घाटों पर इस साल छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा। साथ ही दिल्ली सरकार ने इसकी अनुमती दे दी है। बता दें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी दी है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने न्यूज़ एजेंसी ANI के हवाले से जानकारी दी है कि ''डीडीएमए की आज की बैठक में फैसला किया गया कि दिल्ली में छठ पूजा की इजाजत दी जाएगी। यह सरकार द्वारा पहले से तय किए गए स्थानों पर बहुत सख्त प्रोटोकॉल के साथ किया जाएगा। COVID प्रोटोकॉल के पालन के साथ सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी जाएगी।''
आपकी जानकारी के लिए बता दें, 30 सितंबर को जारी एक आदेश में, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने COVID-19 से उत्पन्न खतरे को देखते हुए नदी के किनारे, घाटों और मंदिरों सहित सभी सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा के आयोजनों पर रोक लगा दी थी।
छठ पूजा पर रोक लगाने के बाद इसके विरोध में मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया था और छठ समारोह की अनुमति देने की मांग की थी। जिसके बाद में 14 अक्टूबर को केजरीवाल ने दिल्ली में छठ पूजा की अनुमति देने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखा था।
साथ ही राजधानी दिल्ली में छठ पूजा में हिस्सा लेने वाले 10,000 लोगों के लिए मंगलवार से एक स्पेशल कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की गई है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी मंगलवार को बुराड़ी के निकट कादीपुर से इस विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद तिवारी ने छठ के आयोजन पर प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया था, उन्होंने मंगलवार को ''छठव्रतियों'' का टीकाकरण अभियान चलाने की घोषणा की थी ताकि त्योहार को सुरक्षित रूप से मनाया जा सके। अभियान के तहत पूरे शहर में 10,000 से अधिक लोगों को टीका लगाया जाना है।