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पीएफआई पर केंद्र का एक्शन प्लान तैयार... ऐसे दबोचे जाएंगे PFI के आतंकी...

केंद्र सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। 2022 पीएफआई का आखिरी साल हो सकता है। कर्नाटक सरकार के टॉप सोर्सेज के मुताबिक इसके लिए एक एक्शन टीम का गठन भी हो चुका है।

Akshat Shrotry
  • Aug 9 2022 5:24PM

केंद्र सरकार आतंकी संगठन पीएफआई पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। जानकारों की मानें तो केंद्र पहले एक जांच कमिटी बनाएगा उसके वाद जांच की जायेगी की हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं में पीएफआई का हाथ है या नहीं उसके वाद आतंकी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान सम्पादक सुरेश चव्हाणके जी भी लम्बे समय से मांग उठाते रहे हैं कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाए।

 केंद्र सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। 2022 पीएफआई का आखिरी साल हो सकता है। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इसके लिए एक एक्शन टीम का गठन भी हो चुका है।

 दरअसल में पीएफआई के कई आतंकी गतिविधियों में कथित तौर पर हाथ रहा है, लेकिन अभी तक वो देश में बैन नहीं हो सका है। अब कर्नाटक भाजपा नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद वो केंद्र के रडार पर आ गई है।

 5 दिन पहले यानी 4 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के बाद अमित शाह, कर्नाटक के सीएम बसव राज बोम्मई और राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के बीच मीटिंग हुई। 

 मीटिंग में पीएफआई को खत्म करने के लिए एक जॉइंट एक्शन प्लान बनाने का फैसला हुआ। इसके 3 दिन बाद यानी 7 अगस्त को प्लान पर काम करने के लिए टीम का गठन भी हो गया। एक्शन टीम में दिल्ली और कर्नाटक के कुछ आला अधिकारियों के साथ ही इंटेलिजेंस के लोग भी शामिल हैं।

 केंद्र सरकार देशभर के उन अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार कर रही है, जो पहले भी इस तरह के सेंसिटिव मामलों के इन्वेस्टिगेशन में शामिल रहे हैं।

यह टीम कर्नाटक ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों में पीएफआई के खिलाफ 3 मोर्चों पर काम करेगी। यह टीम पीएफआई के खिलाफ ऐसे ठोस डॉक्युमेंट इकट्ठा करना है, जो नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी इसके खराब मंसूबों के खिलाफ सबूत जुटा सकें।

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