इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिनों के दौरे पर गोरखपुर पहुंचे। सीएम योगी ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ 53वीं और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के साप्ताहिक श्रद्धाजंलि समारोह में शामिल हुए। सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में ‘आश्विन कृष्ण तृतीया‘ को महंत दिग्विजयनाथ की पुण्यतिथि पर अपनी भावाभिव्यक्ति कर रहे थे।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सृष्टि, प्रकृति, पूर्वजों तथा विरासत के प्रति कृतज्ञता का भाव सनातन धर्म-संस्कृति की पहली विशेषता है। सनातन हिंदू धर्म संस्कृति में यही कृतज्ञता का भाव हमें निरंतर आगे बढ़ने की नई प्रेरणा प्रदान करता है।
आगे उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद राष्ट्रनिर्माण के भी लिए गोरक्षपीठ सतत आगे रहा। समाज के अनुकूल युग के अनुकूल खुद को ढालना होगा,आज जो भी है वो हमारे पूज्य संतो के ही आशीर्वाद का परिणाम है। एक धार्मिक पीठ सिर्फ पूजा पद्धति तक ही सीमित नही रहती, धर्म हमे देश और समाज से जुड़ी समस्याओं से पलायन करने की अनुमति नही देता।
समाज राष्ट्र से जुड़ी समस्या हमारी अपनी समस्या मानना होगा,अगर हमने पलायन किया तो हमको वर्तमान और भावी पीढ़ी कभी माफ नही करेगा,यही भाव लेकर गोरक्षपीठ हमेशा चला है। पिछले एक सप्ताह में इन्ही चीजों की चर्चाएं हुई,यह भारत की योग,कुम्भ,गौवंश की परंपरा वैश्विक मान्यता मिलना भारत की विजय है। भौतिकता से मुक्ति की राह और प्राकृतिक कृषि की राह भारत का गौवंश दिखाता है।