सिद्धार्थनगर महोत्सव के समापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कभी भारत को वैश्विक पहचान देने वाले इस जिले को तीन दशक तक उपेक्षित रखा गया. अब बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पहले हालात ये थे कि इंसेफेलाइटिस की जानलेवा बीमारी और युवाओं के पलायन के लिए इस जनपद को पहचाना जाने लगा था. आज सामूहिक प्रयासों से यहां की तस्वीर बदल रही है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए निवेशकों ने यहां 8 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव रखा है, जब ये निवेश धरातल पर उतरेगा तो इस जनपद का कायाकल्प हो जाएगा.
आज ये जिला मीटरगेज नहीं, बल्कि बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. वहीं उन्होंने बजट 2023 को दुनिया का नेतृत्व करने वाला बजट बताया. उन्होंने कहा कि 1988 में अपने गठन के बाद से लगभग तीन दशक तक इस जनपद को लगातार उपेक्षा का दंश झेलता पड़ा है. ये जिला विकास से कोसों दूर था, नौजवान यहां से पलायन करता था और इंसेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी के कारण हर साल मौतें होती थीं.
जिस जनपद ने वैश्विक मंच पर भारत को कभी एक पहचान दी थी, उसके सामने स्वयं की पहचान बनाने का संकट खड़ा हो गया था. पूरी दुनिया के अंदर करुणा और मैत्री के प्रतीक भगवान बुद्ध ने यहीं पर अपने बचपन और युवा अवस्था के 29 साल व्यतीत किये थे. पूरी दुनिया के लोग इस जनपद के प्रति बहुत आदर और सम्मान व्यक्त करते हैं. तीन दशकों तक बीमारी और पलायन इसकी पहचान बन चुकी थी. मगर सामूहिक प्रयासों के चलते आज इंसेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी यहां से लगभग समाप्त हो चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सिद्धार्थनगर में 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव मिला है. जब ये निवेश यहां धरातल पर उतरेगा तब ये जिला अकाक्षांत्मक नहीं, बल्कि विकसित जिले के रूप में उभरकर सामने आएगा. साथ ही वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज कार्यक्रम के अंतर्गत यहां बने मेडिकल कॉलेज को यहीं की माटी के लाल माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर रखा गया है. कुछ ही समय में ये मेडिकल कॉलेज अपनी उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अगल-बगल के जिलों और पड़ोसी देश के नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का केंद्र बिंदु बनेगा.