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सपा के जिन नेताओ ने किया तालिबान का गुणगान, उनका होगा सख्त इलाज.....आतंकपरस्तो पर सीएम योगी का वज्र प्रहार

उत्तर प्रदेश के सम्भल पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तालिबान का समर्थन करने वाले सपाइयों को साफ़ चेतावनी दे डाली कि यूपी में ऐसी बाते नहीं चलेंगी।

KARTIKEY
  • Sep 22 2021 2:09PM

बीते दिनों अफगानिस्तान में जो हुआ, तालिबान ने जो किया वो तो जगजाहिर है। एक तरफ जहां तालिबान और उसकी हरकतों को दुनिया भर में लोग नापसंद कर रहे है वहीं दूसरी तरफ भारत में कुछ ऐसे लोग भी है जो तालिबान की तारीफ के कसीदे भी पड़ रहे है। ऐसे ही चुनिंदा लोगो में से एक सपा के नेता को उसी के गढ़ कहे वाले सम्भल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ललकार कर आए है , और एक बार फिर उन्होंने अपने प्रदेश में कुशल नेतृत्व का उदाहरण दिया, और कहाँ उत्तर प्रदेश में अब ये नहीं चलेंगा। 

दरअसल, संभल के केला देवी में 275 करोड़ रूपये की लागत की 62 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने एवं विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनपद संभल का ऐतिहासिक अतीत रहा है लेकिन दुख की बात है कि यहां पर तालिबान को समर्थन करने वाले लोग भी पैदा हो गए है। 

सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'आप तो तालिबान का समर्थन भी कर रहे हैं। अध्यक्षजी, यहां तालिबान का समर्थन कर रहे हैं कुछ लोग। महिलाओं के साथ क्या क्रूरता बरती जा रही है। बच्चों के साथ क्या क्रूरता बरती जा रही है। लेकिन कुछ लोग बेशर्मी के साथ तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। तालिबानीकरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहाँ- 'ये चेहरे समाज के सामने एक्सपोज किए जाने चाहिए। ये महिला कल्याण की बात करते हैं। '

इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन, मंच पर अपनी राष्ट्रवादी छवि प्रस्तुत की। तालिबान के समर्थन में बोलने वालों को बेशर्म तक कह डाला। कहा, मैं ऐसे लोगों को सचेत करता हूं, जिसने महिला विरोधी चेहरा दिखाया है। जिसने तालिबान का समर्थन किया, वह लोग कानून के दायरे में आ गये हैं।

सफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर हुआ था बवाल 

दरअसल बर्क ने कहा था कि- "तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव जमने नहीं दिये। तालिबान अब अपने देश को खुद चलाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'हमारा देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था तब सभी हिन्दुस्तानियों ने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी। अफगानिस्तान पर अमेरिका ने कब्जा कर रखा था। उससे पहले इस मुल्क पर रूस का कब्जा था। मगर अफगान आजाद रहना चाहते हैं। वह अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं।"

संभल में मुकदमा दर्ज होने के बाद बर्क अपने दिए बयान से पलटते हुए नजर आए। उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है ,यह मुझ पर गलत इल्जाम है। मुझसे सवाल किया गया तो मैंने कहा तालिबान से मेरा क्या ताल्लुक? मैं इस सिलसिले में कुछ नहीं कह सकता बल्कि जो मेरे मुल्क की नीतियां होंगी, मैं उसके साथ रहूंगा, तालिबान से मेरा कोई वास्ता नहीं। मैं वहां का रहने वाला भी नहीं तो मैं तालिबान के सिलसिले में राय देने वाला कौन होता हूं? मैं क्यों दूं अपनी राय? मेरा यह बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।'

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