कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर दृढ़ता से विचार कर रही है।
बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान का प्रस्तावना समानता और बंधुत्व की बात करता है. और हम दीनदयाल के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं.
देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है. सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है. उन्होंने कहा, मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि हम नागरिकों के बीच समानता लाने वाले सभी बातों पर चर्चा करेंगे और इस बात पर भी चर्चा की जा रही है कि इसे कर्नाटक में कैसे लागू किया जाए.
धर्मांतरण विरोधी कानून पर कहा कि कई लोगों ने इसे गैरसंवैधानिक कहा, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन एक अपराध है. उन्होंने कहा, जब भी हम समाज में समानता लाने के लिए सुधार शुरू करने के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर इसकी गलत व्याख्या की जाती है.
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि हिमाचल और गुजरात की चुनावों में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू कराने के लिए एक्सपर्ट पैनल गठित करने का वादा किया है. देश के बीजेपी शासित राज्यों जैसे असम और उत्तराखंड ने भी समान नागरिक संहिता को लागू करने की अपनी इच्छा जताई है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि श्रद्धालुओं को मंदिरों का प्रबंधन करना चाहिए. आने वाले दिनों में इस दिशा में प्रावधान किए जाएंगे.