वर्तमान में कोई भी व्यक्ति हिंदुत्व के लिए आवाज उठाता है तो उसे हेट स्पीच का नाम देकर विक्टम कार्ड खेला जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी के एक भाषण पर कट्टरपंथियों ने रोना धोना शुरू कर दिया है।
सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस नाम की एक संगठन ने सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी के खिलाफ एक बार फिर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का रुख किया है, इस बार 4 सितंबर को आयोजित एक रैली में उनके एक भाषण को इस्लामोफोबिक टिप्पणी का नाम देकर षड्यंत्र रचा जा रहा है।
आपको बता दें की कुछ दिन पहले ही दिल्ली बदरपुर में बढ़ते हुए धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों को लेकर श्री सुरेश चव्हाणके जी ने हिन्दुओं को एकत्रित होने पर एक भाषण दिया था।
जिसे सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस ने जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण और घृणा से भरे भाषण करार दे दिया लेकिन इस मामले में कुछ बड़े सवाल श्री सुरेश चव्हाणके जी ने उठाये हैं।
पहला सवाल यह है कि जब ओवसी जैसे लोग जहर उगलने वाला भाषण देते हैं तो सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस जैसे संगठन चुप्पी क्यों साध लेते हैं। जब ओवेसी कह सकता है कि दो मिनट के लिए पुलिस हटा लो तब क्यों नहीं कुछ कहा जाता है।
हिन्दू मंदिरों को तोड़ने बालों के लिए यह आयोग क्यों मौनव्रत धारण कर लेते हैं। जब अमरावती में उमेश कोल्हे की ह्त्या होती है और उदयपुर में कन्हैया लाल का सर तन से जुदा कर दिया जाता है तब यह संगठन एक मैसेज तक नहीं करता है।
अब सुदर्शन टीवी के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हिंदुत्व के पक्ष में उठने वाली आवाज ही हेट स्पीच है और कट्टरपंथी हिंदुत्व के खिलाफ जो मर्जी बोलो करो तो हेट स्पीच पर विक्टम कार्ड खेलने वाले कहाँ विलुपत हो जाते हैं।