हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती में हुई गड़बड़ी पर प्रदेश सरकार सख्त से सख्त कदम उठा रही है। मामले को अब सीबीआई को सौंपने की तैयारी में है प्रदेश सरकार। इस पेपर के लीक होने पर इसे रद्द किया गया है। पेपर के रद्द होने से जहाँ एक तरफ युवाओं का भविष्य दाव पर लगा है तो दूसरी और गलत लोगों के भर्ती होने पर भी विराम लगा है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच करवाने के लिए प्रधान सचिव गृह भरत खेड़ा ने सीबीआई निदेशक और भारत सरकार के सचिव कार्मिक को चिट्ठी लिखी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का एलान किया था। सीबीआई जांच करवाने के पीछे तर्क यह दिया गया है।
मामले की जांच नई दिल्ली या चंडीगढ़ स्थित भ्रष्टाचार रोधी शाखाओं को दी जा सकती है। इसकी वजह यह है कि शिमला शाखा में पहले से ही स्टाफ की कमी चल रही है। छात्रवृत्ति मामले सहित कई अन्य मसलों में भी शिमला शाखा के अधिकारी उलझे हुए हैं।
दूसरी बात यह है कि इसकी विशेषज्ञता भी दिल्ली या चंडीगढ़ की अपराध अन्वेषण शाखाओं की है। यह मालूम रहे कि पांच साल पहले शिमला के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड की जांच भी सीबीआई की नई दिल्ली के भ्रष्टाचार रोधी शाखा को दी जा चुकी है।
जहाँ तक मामले में जानकारी मिल रही है सीबीआई इस मामले की अगले हफ्ते से तफ्तीश शुरू कर सकती है। तब तक हिमाचल प्रदेश पुलिस की एसआईटी ही इस प्रकरण की जांच करती रहेगी।