भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा भारत छोड़कर दुबई में आयोजित किए जा रहे आईपीएल मैच में टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चीनी कम्पनी वीवो को बनाए रखने के फैसले की कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने की कड़ी आलोचना की है ! कैट गत 10 जून से देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान चला रहा है जिसको दश भर से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है ! बीसीसीआई के इस कदम के खिलाफ कैट ने आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री श्री एसजयशंकर को एक पत्र भेजकर मांग की है की बीसीसीआई को इस आयोजन के लिए कोई स्वीकृति न दी जाए !
श्री शाह को लिखे अपने पत्र में कैट ने कहा है कि बीसीसीआई का यह कदम देश में कोरोना को रोकने के सरकार की नीति और क़दमों के खिलाफ होगा और कैट ने कहा है की यह बीसीसीआई का एक पलायनवादी कदम है जो पैसे के प्रति बीसीसीआई की भूख और लालच को दर्शाता है और वो भी ऐसे समय जब भारत और दुनिया भर के देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि बीसीसीआई का यह फैसला कोरोना को बढ़ावा देने वाला भी साबित हो सकता है !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री शाह और श्री जयशंकर को भेजे पत्र में कहा कि ऐसे समय में जब पिछले महीने जून में भारतीय सीमाओं पर चीन की आक्रामकता ने चीन के खिलाफ भारत के लोगों की भावनाओं को बहुत बढ़ावा दिया है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार "लोकल पर वोकल " और "आत्मनिर्भर भारत" के उनके आह्वान को यथार्थ में बदलने के लिए अनेक कदम उठा रही है , ऐसे में बीसीसीआई का निर्णय सरकार की इस नीति के विपरीत ही नहीं बल्कि उसका मजाक भी उडाता है !
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि ओलंपिक और विंबलडन जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन कोरोना के कारण रद्द कर दिए गए हैं जबकि बीसीसीआई भारत में आईपीएल को भारत में आयोजित नहीं कर सकता है ,ऐसे में जिद्दी रवैय्या अपनाते हुए उसने दुबई में इस कार्यक्रम को आयोजित करने का निर्णय ले लिया जो स्पष्ट रूप से आईपीएल के द्वारा पैसे इकठ्ठा करने की बीसीसीआई की नियत को दर्शाता है ! उन्होंने सवाल करते हुए कहा की क्या सरकार से भी ऊपर बीसीसीआई है जो सीधे तौर पर सरकार के कोरोना से सम्बंधित नियमों को धता बता रहा है !
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि अतीत में केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए चीन पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं, जिसमें 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाना शामिल है, चीनी कंपनियों की साझेदारी को रेलवे और हाइवे परियोजनाओं में खारिज करना और इसी तरह के अन्य कदमों से केंद्र सरकार के इस रूख को बड़ा समर्थन दिया है और यह सन्देश स्पष्ट गया है की यह पहली बार है कि केंद्र में किसी सरकार ने चीन के प्रभाव को कम करने के लिए साहसिक और दृढ़ कदम उठाए हैं! ऐसे परिदृश्य के तहत बीसीसीआई का निर्णय लोगों की सुरक्षा की उपेक्षा करता है और वह भी चीनी कंपनियों के प्रति अनजाने प्रेम को भी दर्शाता है !
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि दुबई में आईपीएल आयोजन का आयोजन बीसीसीएआई के यह पोल खोलता<span style=