नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, अमित शाह ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू किए जाने का ऐलान किया है.
सीएए के बारें में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि सीएए देश का एक अधिनियम है, इसे निश्चित रूप से अधिसूचित किया जाएगा. इसे चुनावों से पहले लागू किया जाएगा. सीएए को चुनावों तक लागू किया जाएगा और इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस सरकार का था वादा
कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि सीएए कांग्रेस सरकार का एक वादा था. जो उन्होंने देश के विभाजन के दौरान किया था. अमित शाह ने आगे कहा कि उन देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ, तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को आश्वासन दिया था कि भारत में उनका स्वागत है और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी. लेकिन वो अपने वादे से पीछे हट गए.
सीएए नहीं छीन सकता किसी की नागरिकता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात को स्पष्ट शब्दों में कहा कि सीएए नागरिकता देने के लिए लाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए. उन्होंने कहा कि "हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है. सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का एक अधिनियम है.
2014 से पहले आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को मिलेगी नागरिकता
सीएए के बारे में स्पष्ट जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए का उद्देश्य हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. इससे उन लोगों को नागरिकता प्रदान कि जाएगी जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से चले गए थे और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे.