1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले आम बजट में केंद्र सरकार खाद्य और खाद सब्सिडी (Fertilizer Subside) को घटा सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस सब्सिडी को 2.60 लाख करोड़ और 90,000 करोड़ रुपये पर लाने की तैयारी है। यह वित्त वर्ष 2022 के लिए संशोधित अनुमानों के मुकाबले कम होगी। आपको बता दें कि महंगे खाद को सस्ते में किसानों को उपलब्ध कराता है। सब्सिडी भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सस्ती कीमतों पर लोगों को आवश्यक प्रोडक्ट्स प्रदान करने के लिए दी जाने वाली छूट है।
आपको बता दें कि सब्सिडी वह रकम है जो सरकार उद्योग को देती है जो लोगों को सब्सिडी वाले प्रोडक्ट्स बेचता है। सरकार किसानों को खेती के लिए दी जाने वाली खाद, मिट्टी के तेल, रसोई गैस सिलेंडर, खाने-पीने की चीजों पर, कुछ मामलों में ब्याज पर सब्सिडी देती है। हालांकि सब्सिडी के आंकड़े सरकार की बैलेंसशीट पर काफी असर डालते हैं। इसी आधार पर अनुमान लगता है कि सरकार अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर पाएगी या नहीं। बजट देखते समय इस पर जरूर नजर रखें कि सब्सिडी कहां और कितनी मिल रही है।
माना जा रहा है कि बजट में अपनी खाद्य और उवर्रक सब्सिडी के लिए क्रमश: 2.60 लाख करोड़ और 90,000 करोड़ रुपये के आवंटन की उम्मीद है। यह रकम वित्त वर्ष 2022 के लिए संशोधित अनुमानों के मुकाबले कम है।इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कुल सब्सिडी बिल करीब 5.35-5.45 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि सरकार इसे अगले वित्त वर्ष में घटाना चाहती है।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए खाद्य सब्सिडी बिल (Food subsidy bill) के संशोधित अनुमानों में करीब 3.90 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। यह 2.43 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से ज्यादा है, हालांकि यह वित्त वर्ष 2021 के 4.22 लाख करोड़ रुपये से कम है। वित्त वर्ष 2022 में खाद्य सब्सिडी बजट आवंटन के मुकाबले ज्यादा होगी।
इसका कारण कोविड-19 की वजह से मार्च 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त अनाज का वितरण है। वित्त वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर अनुमानित रूप से कुल 1.47 लाख करोड़ की लागत आएगी। सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2022 के लिए उर्वरक सब्सिडी के लिए 79,530 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
हालांकि, सरकार को उवर्रकों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से दोगुने अतिरिक्त फंड्स उपलब्ध कराने होंगे, जिससे सब्सिडी बिल लगभग दोगुना होकर 1.41 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए उवर्रक सब्सिडी का आवंटन संशोधित अनुमानों से कम रहेगा।
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के चीफ इकॉनोमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि सब्सिडी मुख्यत: सरकार के रेवेन्यू प्रोजेक्शन पर ही निर्भर करेगी, लेकिन खाद्य और उवर्रक सब्सिडी में ज्यादा कटौती होने की उम्मीद कम ही है क्योंकि सरकार के राजनीतिक वादे सरकारी खजाने पर भारी पड़ेंगे।