जेल में बंद अपराधियों से बंदी रक्षकों द्वारा दुर्व्यवहार की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए अब यूपी की जेलों को बॉडी वॉर्न कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे। ये कैमरे जेल कर्मी अपने शरीर पर धारण करेंगे। इससे बंदियों की मनोदशा का निरीक्षण विशेषज्ञों द्वारा किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जेल में मिलने आने वाले बंदियों के परिवारीजन व करीबियों को भी वीडियो दिखाए जाएंगे, ताकि बंदियों को अपराध से दूर रखने के लिए उनकी मदद भी ली जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पायलेट प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए 80 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।
डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति ने चार राज्यों में इस पॉयलेट प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है। जिन राज्यों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होगा, उनमें उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, तेलंगाना व पंजाब शामिल हैं। पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत बॉडी वॉर्न कैमरों के लिए 80 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। जेलों में बंदियों के कार्यव्यवहार की रिकार्ड्रिंग के लिए वीडियो कैमरे, डिस्प्ले यूनिट्स, वीडियो प्रोडक्शन करने के उपकरण, शॉर्ट वीडियो क्लिप बनाने और उनका विश्लेषण करने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे।