यूपी भाजपा के लिए आज का दिन बेहद बुरी खबर लेकर आया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के बड़े नेता के तौर पर जाने वाले उपेन्द्र दत्त शुक्ल का आज गोरखपुर में हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। उनके निधन से पूर्वी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। उपेंद्र शुक्ला को पसंद करने वाले सिर्फ भाजपा में नही थे बल्कि विपक्षी पार्टियो के नेताओ से भी उनके काफी अच्छे संबंध थे। 60 वर्षीय उपेन्द्र दत्त शुक्ल को आज दोपहर गोरखपुर के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रविवार दोपहर अचानक पडे हार्ट अटैक की वजह से यूं अचानक उनके चले जाने से उन्हें जानने वाला हर इंसान दु:खी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। सीम योगी ने उपेन्द्रदत्त शुक्ल के सामाजिक और राजनीतिक जीवन की सराहना करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
गोरखपुर के ही कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद शिवप्रताप शुक्ल ने भी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से उपेन्द्रदत्त शुक्ल के परिवारजनों को इस अपार दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। गोरखपुर से सांसद रविकिशन ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह पूर्वांचल के कद्दावर नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल के निधन से अत्यंत दु:खी हैं। भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने भी उपेन्द्रदत्त शुक्ल के निधन बड़ी क्षति बताया।उपेन्द्र दत्त शुक्ल ने संगठन के बूथ से लेकर के प्रदेश स्तर तक अपने कामों से अपनी खास पहचान बनाई। वह प्रखर वक्ता और कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय थे।
गोरखपुर की राजनीति समझने वाले बताते हैं कि उपेंद्र दत्त शुक्ला के पहचान बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती थी। गोरखपुर में कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ थी यही कारण था कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद 2018 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उपेंद्र शुक्ला को टिकट मिला था लेकिन उन्हें सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उपेंद्र शुक्ला ने जिला अध्यक्ष के रुप में भी भाजपा को अपनी सेवा दी है। उत्तर प्रदेश में जब राजनाथ सिंह की सरकार थी, तो उपेंद्र शुक्ला गोरखपुर में पार्टी के जिलाध्यक्ष थे।