सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर चीन मामले में असहाय होने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि देश एक ओर कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी ओर सीमाओं पर भी तनाव से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा सरकार इन दिनों पूर्णत: असहाय दिख रही है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा क्षेत्र में एक महीने से चीनी सेनाओं द्वारा अतिक्रमण भारत की संप्रभुता पर चोट है। चीन विस्तारवादी नीतियों पर चल रहा है। भारत की प्रगति से उसे जलन है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अलावा अक्साईचिन पर भी चीन की निगाह है। इधर चीन ने भारत के प्रति जो आक्रामक रवैया अपनाया है उसमें एक मुख्य कारण व्यापार भी है। कोरोना वायरस के विस्तार के बाद चीन से तमाम कम्पनियां बाहर जाना चाहती है, भारत उनको आकर्षित कर रहा है। चीन के बने माल का बहिष्कार आंदोलन भी तेजी पकड़ रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था का इस सबसे प्रभावित होना तय है।
अखिलेश ने कहा कि भारत नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की ओर से अंधा-धुंध फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत और 3 के गम्भीर रूप सेे घायल होने की खबर है। मृत शख्स अपने खेत में काम कर रहा था। सीतामढ़ी के लालबंदी बार्डर के पास नेपाल सशस्त्र पुलिस के जवानों की इस हरकत को समझना चाहिए। नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट भारत के खिलाफ नफरत और विरोध पैदा करने में लगे हैं। वहां के प्रधानमंत्री तो संसद में एक नक्शा पास कराने के लिए ले आए हैं जिसमें भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा दिखाया जाना है। इसके बाद से नेपाल तल्ख तेवर दिखा रहा है।
केंद्र सरकार की विदेश नीति पर हमलावर होते हुए अखिलेश ने कहा कि विदेशनीति के मोर्चे पर भारत सरकार की विफलता नज़र आने लगी है। भारत सरकार की गलत नीतियों के चलते सीमाओं पर तनाव है। नेपाल जैसा मित्र राष्ट्र भी अब भारत को आंख दिखाने लगा है। भारत सरकार चीन-नेपाल के बदलते रवैये पर अब तक कड़ी प्रतिक्रिया देने से बचती दिखाई देती है। भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की दृष्टि से तत्काल कठोर कदम उठाने चाहिए।