छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हाथियों के मौत के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में एसडीओ खुटिया, फारेंस्ट रेंजर, डिप्टी रेंजर और फारेस्ट गार्ड को सस्पेंड किया गया। वहीं डीएफओ प्रणय मिश्रा को हटाकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं लक्ष्मण सिंह नए DFO बनाये गए हैं।
दरअसल, सरगुजा में एक के बाद एक हाथियों के मौत के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। इस मामले में जांच कमेटी ने कार्रवाई तेज कर दी है। वहीं इस मामले में एसडीओ खुटिया, रेंजर अनिल सिंह, डिप्टी रेंजर और फारेस्ट गार्ड को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं डीएफओ को हटाकर शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। अब डीएफओ को जवाब भी प्रस्तुत करने होंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में भी 48 घंटे में 3 हथिनियों की मौत हो गई थी। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और बलरामपुर जिले में 48 घंटे के भीतर 3 हथिनियों का शव मिला था।
9 जून की सुबह प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गणेशपुर बांध के पास गर्भवती हथिनी का शव मिला था। इसके 24 घंटे बाद ही इसी स्थान पर दूसरी हथिनी का शव भी मिला। रायपुर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम दोनों हथिनियों का पोस्टमार्टम करने पहुंची थी।
लेकिन दूसरे हथिनी के शव को हाथियों के झुंड ने घेर रखा था, जिसकी वजह से उसका पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। पहली हथिनी के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें उसके गर्भवती होने की बात सामने आई। डॉक्टरों ने गर्भवती हथिनी के लिवर से करीब 150 सिस्ट निकाले थे। डॉक्टरों ने पहली हथिनी की मौत का कारण लिवर की गंभीर बीमारी का होना बताया। वहीं दूसरी हथिनी के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण उसकी मौत के पीछे की वजह का पता नहीं चल सका था। इसी बीच गुरुवार को बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर व अतौरी सर्किल के दरबारी महुआ वनक्षेत्र में एक और हथिनी का शव मिलने से वन विभाग में हडकंप मच गया था। 48 घंटे में तीन हथिनियों की मौत से वन विभाग पर सवाल खड़े हुए हैं।