हिमाचल पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती की परीक्षा रद्द होने के मामले में पहले ही खुलासा हो चुका है कि इस कांड में अंतरराष्ट्रीय सरगनाओं का हाथ है। जैसे ही मामले का खुलासा हुआ था हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया था। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर 30 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है मामले में कई नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में सबसे बड़ा खुलासा यह है कि मामले के तार नेपाल तक जुड़े हुए हैं। पेपर लीक मामले में मंडी पुलिस की ओर से धरे गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है।
27 मार्च परीक्षा से पहले ही 23-24 मार्च को मंडी समेत कुल्लू, सोलन, बिलासपुर में लीक पेपर की फोटोस्टेट कापियां पहुंच गई थीं। चारों जिलों के लीक पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का समन्वय बल्ह का मनोज ठाकुर ही कर रहा था।
जानकारी के अनुसार नेपाल के चंद्रगुप्त ने 23 मार्च को सोलन, कुल्लू और बिलासपुर में बंटने वाले पेपर मंडी में मनोज तक पहुंचाए। चंद्रगुप्त ने मनोज को पहले जीरकपुर आकर पेपर लेने के लिए कहा था, लेकिन मनोज ने मना कर दिया।
इसके बाद चंद्रगुप्त को मंडी आना पड़ा। खुलासे के बाद वहां भी पेपर लीक होने की संभावना पर पुलिस काम कर रही है। पेपर लीक मामले का पूरा नेटवर्क व्हाट्सएप कॉल पर चला है। अकेले मनोज के पास तीन मोबाइल फोन थे।
मनोज को पता लग गया कि वह पकड़ा जाने वाला है तो उसने मोबाइल तोड़ दिए। पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मोबाइल फोन बरामद भी कर लिए हैं। पुलिस कांस्टेबलों के पदों की भर्ती के लिए 27 मार्च 2022 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया था।