पंजाब में एक और भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन हुआ है। पंजाब पुलिस भ्रष्टाचार के खिलाफ एक के वाद एक बड़े कदम उठा रही है। पहले ही कांग्रेस के 3 मंत्री कानून के शिकंजे में फंस चुके हैं। इस बार कानून के शिकंजे में एक आईएएस अफसर फंसा है। मामला ठेकेदारों से 1 फीसदी रिश्वत लेने का है।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक और मामले में पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय पोपली को चंडीगढ़ और संजीव वत्स को जालंधर से गिफ्तार किया है। इन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
करनाल निवासी एक ठेकेदार ने पोपली के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में एक फीसदी रिश्वत मांग रहे थे।
इसमे वह एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने 12 जनवरी को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस ने दावा किया कि पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे।