भारत के पांच दिग्गजों और राष्ट्रीय प्रतीकों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्र की भाजपा-एनडीए सरकार की प्रशंसा की. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान का महत्व और प्रतिष्ठा कई गुना बढ़ गई है.
बता दें कि इस वर्ष के अंत में देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जानें वाले लोगों में दिवंगत पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव, भाजपा के दिग्गज और पूर्व उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भारत की हरित क्रांति के अग्रदूत एमएस स्वामीनाथन और दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे व सामाजिक न्याय के चैंपियन डॉ कर्पूरी ठाकुर शामिल हैं.
दर्द अब दूर होगा
इन दिग्गज नेताओं और हस्तियों को देश का सर्वोच्च पुरस्कार देने में देरी होने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें पुरस्कार देने में देरी से लोगों को जो दर्द हुआ था, वह अब दूर हो गया है. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने सरकार को धन्यवाद करते हुए कहा कि एक अवसर था, उन्हें (पूर्ववर्ती सरकारों को) पुरस्कार देना चाहिए था। सरकार के इस कदम से - जिसके लिए सरकार और प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया जाना चाहिए - भारत रत्न का सम्मान बढ़ाया गया है. भारत रत्न का महत्व बढ़ाया गया है.
इतनी देरी से भारत रत्न मिलता है तो दुख होता है
उन्होंने आगे कहा कि पहले जब पद्म पुरस्कार दिए जाते थे तो इसे किस तरह से देखा जाता था?आज जब पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं, तो लोग एक स्वर में कहते हैं, "सही मिला"...जब ऐसी शख्सियत (चौधरी चरण सिंह) को इतनी देरी से भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, तो थोड़ा दुख होता है. लेकिन आज वो दर्द कम हो गया है. आज चौधरी साहब को भारत रत्न मिला और आप कल्पना कर सकते हैं कि करोड़ों किसानों, ग्रामीणों को गहरी नींद आएगी'' उपराष्ट्रपति ने कहा.
बहुत पहले मिल सकता था सम्मान
यह सम्मान बहुत पहले ही मिल जाने कि बात बोलते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि "किसी को भी इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि क्या इन पांच प्रमुख दिग्गजों को देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। इन चार रत्नों को देखें, धरती के गौरवान्वित पुत्र। ये चारों--चौधरी चरण सिंह, एमएस स्वामीनाथन, डॉ. कर्पूरी ठाकुर, और पीवी नरसिम्हा राव को यह सम्मान बहुत पहले मिल सकता था। जो भी हो, सरकार के आज के फैसले ने इस पुरस्कार की प्रतिष्ठा और प्रतिष्ठा को और बढ़ा दिया है.''