ओडिसा में पिछले दिनों एक चर्च पर जबरन धर्मांतरण के आरोप लगे थे। हालाँकि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ हो। ओडिसा में पहले ही कई मामले ऐसे ही जबरन धर्मांतरण के सामने आ चुके हैं। अभी ताजा मामला भद्रक ब्लॉक के गेल्टुआ गाँव से आया था। यहाँ आदिवासियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की काफी शिकायतें मिली थी।
आज प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ओडिशा के भद्रक जिले में मंगलवार को एक चर्च को सील कर दिया गया। साथ ही इलाके में धारा 144 लागू कर दी। एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और ग्रामीण पीएस के आईआईसी द्वारा मामले की संयुक्त जाँच की गई थी।
जाँच से पता चला है कि गेल्टुआ गाँव में चर्च के आसपास के दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी। भद्रक के उप कलेक्टर मनोज पात्रा ने कहा, “आदिवासियों के ईसाई धर्म में कन्वर्ट होने की शिकायतें मिल रही थीं। हमने अपनी जाँच में पाया कि यहाँ दो समुदायों के बीच झड़प हुई है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गेल्टुआ में धारा 144 लागू कर दी है।
इससे पहले 26 सितंबर 2021 को ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में जबरन धर्मांतरण करवाने वाले एक पादरी को ग्रामीणों ने धर-दबोचा था। महेंद्र साहू नाम का पादरी तंगरडीही गाँव में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रहा था। पादरी नियमित तौर पर हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए तंगरडीही गाँव में आता था। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद वह इस काम को बिना किसी रोकटोक के करता था।
इसी तरह एक अन्य मामले में ओडिशा के गजपति जिले के निवासी थबीर पांडा को उसकी पत्नी और सास ने ईसाई धर्म में कन्वर्ट करने से इनकार करने पर पीटा था। पीड़ित थबीर पांडा और उसकी पत्नी सुरभि ने 2014 में भवानीपटना कोर्ट में शादी की थी।