मेदिनीपुर की धरती ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंकने के लिए जानी जाती है...समय समय पर क्रांति जलाने का कार्य यहां के महान क्रांतिकारियों ने किया है। साहित्य संस्कृति के क्षेत्र में बंगाल का जो योगदान है वह अविस्मरणीय है। इस धरती ने देश को वन्देमातरम गीत देकर आज भारत को नई दिशा दी है।
मैं प्रातःकाल से ही बंगाल की धरती पर अपार जनसमूह को देख रहा हूँ। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ बंगाल की जनता ने परिवर्तन करने की ठान ली है। टीएमसी ने यहां की जनता को धोखा दिया है, न तो सड़क दी, न पानी दिया और तो और केंद्र सरकार की योजनाओं को भी रोक दिया। टीएमसी की सरकार ने बंगाल को पीछे धकेलने का कार्य किया है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर का भी कोई कार्य नही हुआ है। टीएमसी ने बंगाल में सिर्फ दो कार्य किये। और वह हैं, भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा।
योगी ने कहा कि दीदी से यह ये पूछा जाना चाहिए कि आखिर जय श्रीराम के घोष करने पर यहां की सरकार सहज क्यो नही रहती....राम का विरोध क्यों..?? पुरुलिया में भी मैंने देखा कि एक ही आवाज़ निकल रही थी.."जय श्रीराम".. दूसरी सभा मे भी जय श्रीराम का उद्घोष था।
मेदिनीपुर के आसपास का क्षेत्र धान की फसल का उत्पादक क्षेत्र रहा है लेकिन यहां की सरकार ने समर्थन मूल्य नही दिया। मोदी जी ने देश के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जब केंद्र और राज्य में एक ही विचारधारा की सरकार होती है तब विकास कार्य डबल इंजन के पवार के साथ होते हैं। जैसा उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इसी तरह का कार्य बंगाल में भी होना चाहिए।