जब जब देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीरों का नाम लिया जाएगा तो उसमें भारत के सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ का नाम अग्रणी पंक्ति में होगा।
वीरों का यह समूह अपनी अनेकानेक कुर्बानियों से देश की एकता और अखंडता को बचाए हुए हैं। चाहे सीमाओं पर आतंकियों से टकराना हो या देश के अंदर कोई प्राकृतिक आपदा आई हो इसी के साथ देश के अंदर दंगा हिंसा या चुनाव ही क्यों ना हो इन सभी कार्यों में हमारी बीएसएफ के योद्धा अतुलनीय पराक्रम दिखाते मिल जाएंगे।
उन्हीं तमाम बलिदानों में से एक बलिदानी योद्धा गुरविंदर सिंह का आज वीरगति दिवस है।देश और दुनिया की तमाम बड़ी खबरों में सुदर्शन न्यूज़ के अनुसार सबसे बड़ी और प्रमुख खबर यह है कि आज ही कश्मीर में भारत के एक जांबाज सपूत ने आतंकवाद से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी ।
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में 8 जून को मानेपुर गांव का 26 वर्षीय नौजवान गुरविंदर सिंह अमर हो गए थे. बीएसएफ की 137वीं बटालियन के जवान गुरविंदर की वीरगति की खबर फोन पर परिजनों को जैसे ही दी गई थी , तब घर में चीख पुकार मच गई थी क्योंकि उनके विवाह की तैयारी चल रही थी उनके घर मे..
एक मां बाप के लिए इससे असहनीय बाद क्या रही होगी कि उन्होंने जिस बेटे केसर पर सेहरा बांधने की तैयारी की थी वही बेटा उनकी आंखों के आगे तिरंगे में लिपट कर आया।
बलिदानी के पिता सतविंदर सिंह ने तब बताया था कि उनके दो बेटे हैं। गुरविंदर बीएसएफ में था तो दूसरा रुपिंदर आर्मी में है। बचपन से ही दोनों में देश सेवा का जज्बा था। गुरविंदर वह 2012 में बीएसएफ की 137 बटालियन में भर्ती हुए थे..
बलिदानी के पिता ने ये भी बताया था कि दो माह पूर्व ही जालंधर से पूंछ राजौरी सेक्टर में तैनाती हुई थी। हंसमुख और मिलनसार स्वभाव का उनका बेटा गुरविंदर हॉकी प्लेयर था और जालंधर की हॉकी टीम में खेलता था।
जानकारी के मुताबिक बलिदानी गुरविंदर सिंह वीरगति से पहले आतंकियों से खूब बहादुरी से लड़े और अपने साथ अपने साथियों को भी प्रेरणा देते रहे।
आखिरकार बेहद कम उम्र में उन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया जिसके लिए आज राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है।
देश के लिए मर मिटने वाले ऐसे अनंत वीरों को आप भूल ना जाए इसलिए सुदर्शन न्यूज़ आपको हर दिन एक गुमनाम वीर बलिदानी की याद दिलाता है।
आज वीरगति दिवस पर सुदर्शन परिवार बलिदानी गुरविंदर सिंह को और उनके गौरवशाली परिवार को शत-शत नमन करता है और योद्धा की गौरव गाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प पी लेता है। बलिदानी गुरुविंदर सिंह अमर रहे । जय हिंद की सेना।