परिवारवाद की पराकाष्ठा लिखने वाले लालू यादव को 23 दिसंबर 2017 में चारा घोटाले का आरोपी बनाते हुए न्यायालय ने बुढ़ापे में जेल में सजा काटने का फैसला सुनाया गया था । जिसके बाद लगातार कोर्ट में अर्जी देकर जमानत की मांग लालू यादव के पुत्र तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के द्वारा की जा रही थी , कई बार बीमारी का बहाना बनाते हुए बेल पिटीशन फाइल हुई तो कई बार लालू यादव के बुजुर्ग होने की वजह बताते हुए जमानत की मांग की गई । लेकिन करीब सवा 3 साल बाद अब झारखंड हाईकोर्ट ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को ₹1 लाख का मुचलका और 10 लाख रुपए जुर्माना देने के बाद जमानत को मंजूरी देने का फैसला किया है , बेल बांड भरने के एक-दो दिन में घोटालेबाज और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव जेल से रिहा हो जाएंगे ।
कोर्ट की शर्त - झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को सशर्त जमानत दी है ।
1) जमानत के दौरान लालू यादव हाईकोर्ट से बिना परमिशन के देश के बाहर नहीं जाएंगे।
2) लालू यादव अपना मोबाइल नंबर और पता नहीं बदलेंगे ।
हालांकि दुमका ट्रेजरी मामले में लालू यादव ने आधी सजा पूरी कर ली है , वहीं डोरंडा ट्रेजरी से निकासी के मामले में सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है , इस मामले में बहस चल रही है लेकिन कोविड-19 की वजह से फिलहाल सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगा दी है । वकील के अनुसार, डोरंडा ट्रेजरी निकासी मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद लालू यादव फिर एक बार सलाखों के पीछे होंगे ।
बीमार लालू , हैं एम्स में भर्ती - लालू यादव का फिलहाल दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है, आपको बता दें, करीब ढाई साल रिम्स रांची में भी लालू इलाज करवा चुके हैं । घोटालों के आरोपी लालू यादव को सीने में दर्द और सांस लेने के परेशानी की वजह से 23 जनवरी 2021 को रिम्स से एम्स अस्पताल रेफर किया गया था ।