शराब की बिक्री ने जिस प्रकार से तमाम नेताओं के लिए जनसाधारण की सोच और मानसिकता को बदल दिया है उसका अगर सबसे बड़ा परिणाम देखने को मिला है तो उत्तर प्रदेश के बलिया से भारतीय जनता पार्टी के बेबाक कहे जाने वाले विधायक सुरेन्द्र सिंह हैं. शराब और नशे के कारोबार के खिलाफ जिस प्रकार से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़े कदम उठाये हैं उसके बाद उनके फैन पूरे देश के कद्दावर नेता भी हो गये हैं जिसमे भाजपा के ये विधायक भी शामिल हैं.. यहाँ ये ध्यान रखने योग्य है कि शराब बंदी और नशे एक खिलाफ न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि उनके राज्य के पुलिस प्रमुख DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय ने भी अभियान छेड़ रखा है जिसके आशातीत परिणाम भी सबके आगे आये हैं और बिहार नशे से मुक्त होने के साथ साथ कई अपराधो से भी मुक्त हुआ है जिसकी जड में कहीं न कहीं शराब हुआ करती थी.. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ DGP बिहार गुप्तेश्वर पाण्डेय भी पूरे देश और दुनिया में इसी अभियान के चलते एक अतिसम्मानित व्यक्तित्व के रूप में स्थापित हो गये हैं.
भारतीय जनता पार्टी के बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने पीएम मोदी को नही, सीएम योगी को नही बल्कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को इंसान को इंसान बनाने वाला देश का महान नेता बताया . सूरेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं मुक्त कंठ से कहता हूं कि भारत की धरती पर राजनीति के क्षेत्र में इंसान को भगवान बनाने के क्रम में अगर कोई काम कर रहा है तो वो नेता अकेले व अकेले नेता नीतीश कुमार है । बिहार जैसे एक गरीब प्रान्त में राजस्व के इतने बड़े संसाधन को इंसान को इंसान बनाने के लिये छोड़कर शराब बंदी करना नीतीश कुमार जैसे महान नेता की ही बस की बात है. मैं इनकी इस विशेष भावना का आदर करता हूं और पूरे भारत मे शराब बंदी की मांग करता हूँ ।
सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि योगी जी हमारे नेता है और हम लोग उनके अनुवाई है । जैसा पूज्य योगी जी का आदेश होगा , वैसा हम लोग करेंगे. लॉक डाउन में शराब की दुकान को खोलने को लेकर अपने ही सरकार के निर्णय को कटघरे में खड़ा करते हुए सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि शराब की दुकान खुलेगी तो फिर सोशल डिस्टेंस का क्या मतलब रह जायेगा । एक शराबी समाज को दूषित करेगा ,अपने परिवार को दूषित करेगा । गरीब शराबी तो अपने घर के राशन को ही बेच कर शराब पी जाएगा और बच्चे भूखे रहेंगे . सिर्फ इनकम के लिये शराब की दुकान को खोलने के निर्णय से मैं सहमत नही हूँ ।
उनके अनुसार इनकम का दूसरा स्रोत खोजना चाहिये , जब तक न मिले आवश्यक सेवाओ में कटौती कर सकते है । खोलना ही है तो दूध की दुकान खोलिये, दवा की दुकान खोलिये, राशन की दुकान खोलिये ,पर शराब की दुकान मत खोलिये ।
कहा कि मैं राजनीति के बड़े विचारक सुब्रमण्यम स्वामी के विचारों से सहमत हूँ कि जब तक लॉक डाउन है तब तक शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए , शराब की दुकान खोलने से सामाजिक अस्थिरता बढ़ेगी समाज में अराजकता बढ़ेगी समाज में चोरी चमारी बढ़ जाएगी ।सुरेन्द्र सिंह ने अपने शीर्ष नेतृत्व से शराब बिक्री पर फिर से विचार करने का भी आग्रह किया है ।
देखिये शराबबंदी पर सुरेश चव्हाणके जी द्वारा सरकार से उठाई गई मांग -