अफवाहें फैलाने के लिए विख्यात सोशल मीडिया कई बिछड़ों को अपनों से वापस मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा चुकी है। ताजा मामला आजमगढ़ के फूूलपुर कोतवाली के किठावें गांव है। यहां पर ढाई माह पूर्व परिजनोें से बिछड़े एक बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दो माह बाद 12 साल के मासूम के घर लौटने के बाद परिवार के सभी लोग खुशी से झूम उठे, ये परिवार कल तक अपने बेटे के गुमशुदगी पर आंसू बहा रहा था।
दरसल 3 जून को आजमगढ़ पुलिस सोशल मीडिया सेल ने एक पोस्ट देखा जिसमें आजमगढ के रहने वाले बच्चे के बारे में जानकारी दी गई थी। कहा गया था कि "जय हिन्द नाम का एक बालक दो माह से लाकडाउन में पटना के शेल्टर होम में रुका हुआ है कृपया सहायता की जाए"
सूचना साझा करने वाले ने अपना मोबाइल नंबर भी पोस्ट के साथ शेयर किया गया था। जब पुलिस ने मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बच्चे से बात की तो पता चला कि उसका असली नाम शैलेश कुमार पुत्र राजेश कुमार निवासी ग्राम किठावे थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ है। बच्चे की उम्र करीब 12 वर्ष है और कक्षा पांच का छात्र है। 14 मार्च को उसके गांव में भंडारे का आयोजन था। वह भंडारे में शामिल हुआ था। इसके बाद वह गायब हो गया था। छात्र के पिता ने फूलपुर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
बच्चे के बारे में जानकारी होने के बाद पुलिस ने फूलपुर पुलिस की मदद सेे वीडियो कालिंग के जरिए उसके माता पिता से बात कराई और पुष्टि होने के बाद उसे वापस आजमगढ़ ले लाई। पुलिस ने बच्चे को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। शैलेश नेे बताया कि वह भंडारे में शामिल होने के ट्रेन देखने की चाहत में खोरासन रोड स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ गया। उसी समय ट्रेन आगे बढ़ गई। थोड़ी देर बाद उसे नींद आ गई। जब नींद खुली तो वह बिहार पहुंच गया था। फिलहाल अब शैलेश अपने परिवार के साथ सकुशल है।