काँसे की बनी 251 फ़ीट ऊँची भगवान राम की मूर्ति की स्थापन
सरयू नदी के किनारे स्थापित होगी भगवान श्री राम की सब से ऊंची प्रतिमा
पिछले वर्ष 9 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी ढांचा विवाद को लेकर फैसला सुनाया था ।मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से विवादित जमीन को रामलला का बताया है। ... अदालत ने कहा कि विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाए।
तब से भगवान श्री राम के मंदिर का कार्य आरंभ हो गया,और आने वाली 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्री राम के मंदिर का भूमि पूजन करेगे, और उसके बाद मंदिर का काम शुरू हो जाएगा। जहां एक तरफ मंदिर का कार्य शुरू होने वाला है वहीं दूसरी तरफ भगवान राम की करीब 251 मीटर ऊंची प्रतिमा का कार्य प्रगति पर हैं।
भगवान श्री राम की मूर्ति को बनाने का काम मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार को सौंपा गया है। आप को यह बता दे कि गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा को भी राम सुतार ने डिजाइन किया था। उन्होंने अब तक करीब 15000 से अधिक मूर्तियों का निर्माण किया है, जिसके लिए उन्हें सरकार से पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका हैं।
राम सुतार से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनकी बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई और उन्होंने कहा की भगवान राम कि मूर्ति पूरी तरह स्वदेशी होनी चाहिए ।
राम सुतार ने उन्हें इस बात का विश्वास दिलाया कि भगवान श्री राम की मूर्ति पूरी तरह स्वदेशी होगी यहां तक कि इसके निर्माण का कार्य केवल उत्तर प्रदेश में होगा। राम सुतार ने यह भी बताया कि इस मूर्ति को बनाने में करीब साढ़े तीन साल लग जाएंगे, लेकिन मूर्ति के बनने के बाद यह दुनिया की सब से ऊंची प्रतिमा होगी।अगर इस वक़्त कि सब से ऊंची प्रतिमा की बात करे तो वह है, गौतम बुद्ध की जिसकी ऊंचाई क़रीब 208 मीटर है और वह चीन में स्थापित हैं।
भगवान श्री राम की मूर्ति को सरयू नदी के किनारे स्थापित किया जाएगा, अगर मूर्ति कि बात करे तो वह करीब 100 हैक्टर से अधिक ज़मीन पर स्थापित करी जाएगी। इस मूर्ति की अनेक विशेषताएँ होगी, जैसे कि इस मूर्ति में 20 मीटर ऊंचा घेरा होगा, प्रतिमा करीब 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी की जाएंगी, इसके नीचे एक संग्रहालय होगा जहां श्री विष्णु भगवान के सभी अवतारों को तकनीक के माध्यम से दर्शाया जाएगा इसके अलावा यहां पर एक डिजिटल म्यूजियम, लैंड स्केपिग, फूड प्लाज़ा, लाइब्रेरी और रामायण काल कि गैलरी का भी निर्माण किया जाएगा।
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