देश में मंदिरों को तोड़ जिस तरीके से मस्जिदों में तब्दील
कर दिया गया है वह सब साफ तोर पर अब दिख रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह
ढाँचे को लेकर पहले से ही कई वाद-विवाद चल रहे है जिस बीच एक नई याचिका दायर की गई
है। मथुरा सिविल कोर्ट में दायर इस याचिका में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने
दावा किया है कि आगरा किले के अंदर दीवान-ए-खास के पास स्थित बेगम साहिबा की
मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति
दबाई गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि पुरातत्व विभाग (ASI) से खुदाई करवाकर प्रतिमा को बाहर निकलवाई जाए।
आगरा किले में केशवदेव की मूर्ति दबी को निकालने के लिए
दायर याचिका में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मस्जिद की सीढ़ियों के
नीचे मूर्ति के दबे होने और उन पर मुस्लिमों के चलने के कारण हिंदुओं की भावनाएँ
आहत हो रही हैं। इसलिए इस पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
जानकारी के अनुसार, अपनी अर्जी में अधिवक्ता सिंह ने कहा कि
औरंगजेब ने मूर्ति को तुड़वा कर आगरा के लाल किले में मौजूद बेगम साहिबा परिसर की
सीढ़ियों में चुनवा दिया था।
इसी बीच मनीष यादव नाम के एक शख्स ने खुद भगवान श्रीकृष्ण
का प्रत्यक्ष वंशज बताते
हुए कोर्ट में आवेदन देकर ईदगाह ढाँचे का सर्वेक्षण कराने के लिए पैनल बनाने की
माँग की है। अपने आवेदन में यादव ने कहा कि सर्वे के लिए तीन सदस्यीय कोर्ट
कमिश्नर का पैनल नियुक्त किया जाए और ईदगाह के बंद कमरों को खोल कर इसका सर्वे
कराई जाए। इस दौरान उन्होंने पुलिस सुरक्षा की भी माँग की। बता दें कि मथुरा के श्रीकृष्ण
जन्मभूमि और शाही ईदगाह ढाँचे को लेकर जारी विवाद के मामले में जिला जज (सीनियर डिविजन) ने 1 जुलाई
को अगली सुनवाई तय की है। यह याचिका सितंबर 2020 में
कोर्ट में दाखिल की गई थी।