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शहाबुद्दीन को इस दुनिया से जाते ही शहाबुद्दीन की बनाई गई रियासत पर दावेदारों की मची होड़, बाहुबली रईस खान सीवान की सत्ता पर हो रहे हैं तेजी से काबिज।

🔸 बाहुबली रईस खान आज सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ निकले सिवान के दौरे पर साथ में जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह मौजूद।

MD ASIF KHAN
  • Jul 4 2021 1:17PM

बिहार/सिवान: सिवान के पूर्व सांसद डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनकी उनके द्वारा तैयार की गई बाहुबल तथा राजनीतिक रियासत को अब कब्जवाने के लिए दावेदारों की होड़ मची है। पूर्व सांसद डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस दुनिया से जाते ही अलग-अलग दावेदार अपने आप को सिवान का शहंशाह घोषित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं, और इस कोशिश में सबसे अव्वल दर्जे पर सिवान के चर्चित बाहुबली एवं पूर्व जदयू नेता रईस खान हैं।

🔸 शहाबुद्दीन के जीवन काल से राजनीति में कामयाब होना चाहते थे खान ब्रदर्स (अयूब-रईस) लेकिन हमेशा रहे नाकामयाब !

डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के जीवन काल से ही सिवान जिले के चर्चित बाहुबली खान ब्रदर्स (अयूब-रईस) सिवान की राजनीति में अपने आप को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन हर बार पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की वजह से वह नाकामयाब हुए थे। लेकिन डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद आज सिवान में खान ब्रदर्स के रईस खानअपने आप को पुनः सिवान की राजनीति में स्थापित करने के लिए नितीश कुमार के चहेते नेता एवं पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह के साथ सिवान में 500 गाड़ियों के काफिले के साथ अपनी ताकत झोकते हुए नजर आए, रईस खान अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से सिवान जिले में अपने बाहुबल तथा राजनीतिक मजबूती प्रदर्शित करना चाहते हैं सूत्रों के हवाले से यह कयास भी लगाया जा रहा है कि रईस खान को NDA गठबंधन के जदयू कोटा से सिवान विधान परिषद उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इससे पूर्व में भी रईस खान के भाई सिवान से एमएलसी का चुनाव लड़ चुके हैं और एनडीए को फायदा पहुंचाने में कामयाब रहे थे। पिछले विधान परिषद चुनाव में रईस खान के भाई की वजह से ही टुन्ना पांडे भाजपा के तरफ से एमएलसी का चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे।

🔸 रईस खान की राजनीति में सबसे बड़े रोड़ा साबित हो सकते हैं शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा!

पूर्व सांसद डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद सबसे ज्यादा कोई व्यक्ति चर्चित हुआ है तो वह शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब हैं। अपने पिता की मृत्यु के बाद से लगातार वह बिहार की राजनीति के कई मजबूत नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वह मुलाकात करने स्वयं नहीं जा रहे हैं, बल्कि वह सभी नेता ओसामा साहब से उनके घर पर मुलाकात करने पहुंच रहे हैं। ओसामा साहब की मजबूती से यह कयास लगाया जा सकता है कि सिवान तथा बिहार की राजनीति में अब भी शहाबुद्दीन परिवार का ही कब्जा है और इस कब्जे को शहाबुद्दीन परिवार से छुड़ाने के लिए खान ब्रदर्स (अयूब - रईस) को कई सालों तक मेहनत करना पड़ सकता है। फिर भी यह कब्जा सिवान की सियासत से शहाबुद्दीन के परिवार के हाथों से निकालना मुश्किल होगा।

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