इस्लामिक कट्टरपथिंयों का दिमाग हिंसा प्रति कैसे अग्रसर रहता है उसका सीधा और साफ़ उदाहरण असम में देखने को मिला। असम में कैसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कानून को अपने हाथ में लिया यह शर्मसार कर देने वाला है। मामला है असम के नागांव का जहां जिहादी उपद्रवी ने दिनदहाड़े कानून को हाथ में लेकर आगजनी कर दी।
इस हिंसा में जिहादी एक पुलिस कर्मी को पुलिस थाने से घसीटते हुए ले गए और जमकर उसकी पिटाई की। मामले में जिहादियों ने जमकर बवाल काटा। इन जिहादी उपद्रवियों को पुलिस का इतना भी खौफ नहीं था कि उन्होंने बिना सोचे समझे सरकारी संपत्ति पर आग के हवाले कर दिया।
वैसे तो कानून और पुलिस कर्मियों का सबको डर होता है इन जिहादियों के पुलिस थाने में पुलिस कर्मी पर हाथ डालने से पहले हाथ तक नहीं कांपे। असम के नागांव में जो हुआ यह नजारा बेहद ही डराने वाला था। वहीं जिहादियों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से एक युवक की मौत हो गई।
सवाल यह है कि अगर पुलिस से कुछ गलत हुआ भी है तो उन्हें सजा देना कानून का काम है लेकिन आप खुद कानून को हाथ में लेते हो तो आप भी उसी श्रेणी में आते हैं। सरकारी संपत्ति को आग लगाने का अधिकार हमारे देश में किसी को नहीं है। यह बहुत बड़ा अपराध है। हालाँकि हमारे देश में कई ऐसे मामले हो चुके हैं जिनसे इन जिहादियों मानसिक दशा का पता चलता है।
फ़िलहाल मामले में प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है। दंगाइयों की धरपकड़ जारी है। घटना के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 3 जिहादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में समाधान निकालते हुए जिहादियों पर बुलडोजर वाली कार्रवाई कर दी है। मामले में असम सरकार ने जिहादियों को सख्त संदेश दिया है।