भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में चीनी खतरे की बात कही थी जिसे लेकर अब चीन ने आलाेचना की है. बता दें कि चीन ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी इस तरह के बेतुके बयानों से परहेज करेंगे.
बता दें कि एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा था कि उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को लेकर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी से बातचीत में प्रगति हुई है. हालांकि, आपसी मनमुटाव के बाद आंशिक खतरा बना हुआ है. गाैरतलब है कि इससे चीन काफी छटपटा रहा है कि भारत उसकी चालाें से पहले से ही सतर्क हाे गया है.
वहीं चीन के विदेश मंत्री के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'चीन और भारत सीमा पर तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तरों पर काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत के अधिकारी बेतुकी टिप्पणी करने से बचेंगे.'
ब्रीफिंग के दौरान जब दोनों देशों के बीच वार्ता को लेकर सवाल किए गए तब वेनबिन ने कहा, 'अगर कोई जानकारी होगी तो हम साझा करेंगे.' चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत-चीन के बीच बुधवार को हुई 14वें दौर की कमांडर स्तर की बैठक के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की.
इससे पहले वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा था, 'फिलहाल, सीमावर्ती इलाकों में स्थिति पूरी तरह स्थिर है और दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत आपात स्थिति से निपटने के लिए नियमित रूप से स्थिति को बदलने में मदद करने के लिए काम करेगा.