अपने पिता के देहांत के बाद जिसकी अपील योगी आदित्यनाथ ने की थी उसका पूरा पालन किया गया और आनंद सिंह बिष्ट जी के अंतिम यात्रा से ले कर अंतिम संस्कार तक कम से कम संख्या में लोगों ने बाकायदा सोशल डिस्टेंस का पालन किया और आखिरकार पंचतत्व में विलीन हो गये हिन्दू हृदय सम्राट की पदवी धारण करने वाले लौह पुरुष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का (मंगलवार) की सुबह अंतिम संस्कार उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में फूलचट्टी गंगातट के पास पैतृक गांव पंचूर में किया गया सीएम योगी के बड़े भाई मनेंद्र सिंह बिष्ट ने पिता को मुखाग्नि दी।
ध्यान रखने योग्य है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89)वर्ष का इलाज दिल्ली में चल रहा था और हालत बिगड़ने के कारण सोमवार को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। 13 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर आनंद सिंह बिष्ट को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार सुबह उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। वही योगी जी न सबसे अपील की थी कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार में जाये। सीएम योगी ने कहा कि पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ. योगी आदित्यनाथ के इस समर्पण को अब तक देश के गिने चुने उदाहरणों में से एक माना जा रहा है.
वही आनंद सिंह बिष्ट की अंतिम यात्रा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योगगुरु स्वामी रामदेव जी, पूज्यनीय चिदानन्द जी महरान , मदन कौशिक समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए थे. वहीँ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आनंद सिंह विष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होकर पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्वर्गीय आनन्द सिंह जैसे समाजसेवी की कमी प्रदेश को हमेशा खलेगी इनके द्वारा समाज के प्रति किये गए कार्यो को सदैव याद रखा जाएगा परमपिता परमेश्वर शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे और दिवगंत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे।