मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के फैसले को बदल दिया है, अब एमपी में महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष जनता द्वारा चुना जाएगा. भोपाल में शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है, इसके अलावा बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण आपसी समझौते के आधार पर करने का भी निर्णय लिया गया है।
बताया गया है कि करीब एक वर्ष पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते थे कि महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष को पार्षद चुने, इसके पीछे कमलनाथ का तर्क था कि यही लोकतांत्रिक तरीका है, देश के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सांसद व विधायक चुनते है तो महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष भी पार्षद चुने. कमलनाथ के फैसले को आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बदल दिया है, श्री चौहान का कहना है कि महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष जनता ही चुने, इससे विकास के कार्य तेजी से होते है. इसके पिछले कुछ वर्षो में जनता द्वारा ही महापौर चुने जा रहे है.
इसके लिए नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2020 के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसी तरह सभी निगमों में संपत्ति कर सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से तय करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है. सीएम शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक मेें और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है, जिसमें भोपाल-इंदौर रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण आपसी समझौते के आधार पर करने का निर्णय लिया गया.
इसके अलावा कोरोना महामारी के कारण सरकार के खाली खजाने को भरने के लिए 13 स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स वसूलने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई है।
16 नगर निगम महापौर पद हेतु आरक्षण ,
# अनुसूचित जाति : मुरेना और उज्जैन । (मुरेना महिला वर्ग के लिए आरक्षित । )
# अनुसूचित जन जाति : छिन्दवाडा आरक्षित ( मुक्त)
# OBC : भोपाल और खंडवा ,(महिला के लिए आरक्षित ). सतना और रतलाम ( मुक्त)
# General : सागर ,बूरहानपुर ,देवास और कटनी और ग़्वालियर ...सामान्य महिला आरक्षित ...
# General : जबलपुर ,इंदौर ,रीवा और सिंगरोली ..( अनाराक्षित)