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अंधविश्वास : खुजली से निजात पाने महिला ने जिंदा जलकर दे दी अपनी बलि, कुर्सी में बिठाकर परिजनों ने शव पर फूल चढ़ाये, इंतज़ार करते रहे कि वो फिर जिंदा होगी, फिर...

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से अंधविश्वास के चक्कर में एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने सबको हिला कर रख दिया है।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो
  • Dec 20 2020 10:12AM

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से अंधविश्वास के चक्कर में एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने सबको हिला कर रख दिया है। यहाँ अंधविश्वास पर लोगों को इतना भरोसा किया कि महिला के शव का लोग पूजा अर्चना कर नारियल और फूल चढ़ाने लगे ।

 

दरअसल बलौदाबाजार भाटापारा जिले में अंधविश्वास के चलते खौफनाक घटना घटित होने का मामला सामने आया है। जानकारी लेने पर परिवार एवं ग्रामीण व पुलिस ने जानकारी दी कि मृतक महिला का परिवार खुजली की बीमारी से परेशान था और खुजली का इलाज डाक्टर से कराया तो इनका मानना था कि ये बिमारी और बढ़ गई। जिसके बाद मृतक महिला एवं परिवार के लोगो ने झांडफुक एवं पुजापाठ का रास्ता अपनाया और इनका विश्वास था बलि देने के बाद 18 दिसंबर को मृतका जिंदा हो जाएगी और परिवार को रोग से मुक्ति मिल जाएगी। जिसे मानकर महिला ने 15 दिसंबर की रात्रि 1 बजे मिटटी का तेल छिड़क कर आत्म हत्या कर ली और फिर परिवार के लोगो ने अंधविश्वास के अभिभुत होकर जली हुई लाश को एक कुर्सी पर रखा और उसकी पुजा पाठ करने लगे और परिवारजनो ने घटना की जानकारी किसी को भी नही बताई तथा महिला के जिंदा होने को इंतजार करने लगे। वहीं 4 दिन बीत जाने पर लाश से बदबू आने लगी और आस पास मे बदबू फैलने लगी जिसके बाद गांव के लोगों ने कोटवार और सरपंच को जानकारी दी।

 

खुजली से परिवार था परेशान, तो घर की महिला ने खुदको जिंदा जलाकर दी बलि
जानकारी के मुताबिक रानी जरौद गांव मे अमरदास के परिवार में पिछले कई महीनों से लोग खुजली की बीमारी से परेशान हैं।

काफी इलाज कराने के बाद भी परिवार के सदस्यों के खुजली का रोग खत्म नहीं हो सका। इसके बाद परिवार के लोग झाड़फूंक से समस्या का समाधान ढूंढने लगे। झाड़फूंक करने वाले ने परिवार के लोगों को बताया था कि खुजली की बीमारी से निजात पाने के लिए महिला की बलि देनी होगी। जिस महिला की बलि दी जाएगी, तो चार दिन बाद वह जिंदा हो जाएगी। इसी अंधविश्वास में आकर परिवार के लोगों ने अमरदास की पत्नी जुग्गीबाई ने शरीर पर मिट्टी का तेल छिड़कर 15 दिसंबर की रात्रि एक बजे जिंदा जला दिया। फिर उसके जिंदा होने के इंतजार में शव को घर के भीतर रखकर पूजा पाठ करने लगे। परिवार के लोगों ने इस घटना की भनक किसी को कानोकान नहीं लगने दी।

शव से उठा दुर्गंध तो पता चला
चार दिन के बाद शव से दुर्गंध उठने लगी, तो आसपास के लोगों ने कोटवार और सरपंच को इसकी जानकारी दी। कोटवार और सरपंच ने अमरदास के घर पहुंच कर जानकारी ली तो पूरा मामला सामने आया। कोटवार और सरपंच ने सुहेला थाने की पुलिस को मामले की जानकारी दी तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने रानी जरौद गांव पहुंचकर महिला के शव को कब्जे में ले लिया और शव को परीक्षण के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। दोषी लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

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