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अब महाशक्ति अमेरिका से गिड़गिड़ा उठा गद्दार वामपंथी चीन.. भारत से भिड़ कर चूर घमंड का असर

अब महाशक्ति अमेरिका से गिड़गिड़ा उठा गद्दार वामपंथी चीन.. भारत से भिड़ कर चूर घमंड का असर

Sudarshan News
  • Aug 5 2020 7:34PM

अमरीका - चीन के बीच चल रही कोल्ड वार थमने का नाम नहीं ले रही. दोनों देशों की जुबानी बयानबाजी मे अब नया मोड़ सामने आया है. अमेरिका के चीनी राजदूत कुई तियानकोई ने कहा कि, ''अमेरिका के लिए वाणिज्‍य दूतावास बंद करना वास्‍तव में दुर्भाग्‍यपूर्ण था. उनके अनुसार बीजिंग को वाशिंगटन के फैसले पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर किया गया था। राजदूत ने कहा कि बीजिंग इस मुद्दे पर वाशिंगटन से टकराव से बचने की उम्‍मीद करता है. एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान चीनी राजदूत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि एक नया शीत युद्ध किसी के हित में होगा''.

आपको बता दें कि 24 जुलाई को अमेरिका के ह्यूस्‍टन में अपने वाणिज्‍य दूतावास के बंद किए जाने से चीन बौखलाया हुया है. जवाबी कार्रवाई करते हुए चीन ने अमेरिका को  सिचुआन प्रांत के चेंगदू में स्थित वाण‍िज्‍य दूतावास को बंद करने का फरमान जारी किया था. माना जा रहा है कि तिब्‍बत को लेकर अमेरिकी कदम को देखते हुए चीन ने यह कदम उठाया है। यही केंद्र तिब्बत पर फैसला लेता है साथ ही इसी केंद्र के पास तिब्बत का मामला है. 

चीन, अपने और अमेरिका के बीच आए तनाव का जिम्मेदार वाशिंगटन को मानता है. साथ ही चीन ने मांग की थी कि अमेरिका तत्‍काल ह्यूस्‍टन में चीनी वाणिज्‍य दूतावास को बंद करने के आदेश को वापस ले. 

गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने बयान में कहा था कि चीन का ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास जासूसी का गढ़ बन गया था. पोम्पिओ आगे कहते है कि हमने चीन के ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास को बंद करने का फैसला किया है, क्योंकि यह जासूसी और बौद्धिक संपदा को चुराने का अड्डा बन गया था.

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