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अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन वर्णों के आधार पर जनगणना की माँग, वैश्य महासम्मेलन में राजनीतिक सशक्तिकरण पर ज़ोर

अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की राष्ट्रीय चिंतन बैठक 23 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.गिरीश संघी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई। नई दिल्ली के रफ़ी मार्ग स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ये बैठक आयोजित की गई। इसमें देशभर से आये वैश्य समाज के सदस्यों ने बढ़चढ़कर कर हिस्सा लिया और बहुत ही पुरज़ोर तरीके से अपनी माँगें रखी।

Alok Jha
  • Oct 25 2021 8:24PM
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की राष्ट्रीय चिंतन बैठक 23 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.गिरीश संघी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई। नई दिल्ली के रफ़ी मार्ग स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ये बैठक आयोजित की गई। इसमें देशभर से आये वैश्य समाज के सदस्यों ने बढ़चढ़कर कर हिस्सा लिया और बहुत ही पुरज़ोर तरीके से अपनी माँगें रखी।  

इस महासम्मेलन में ओडिशा के माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री सूर्य नारायण पात्रो जी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। श्री रामकैलाश गुप्ता, प्रदेशाध्यक्ष, दिल्ली ने सभी गणमान्य अतिथियों का  अभिनंदन किया। महासम्मेलन में अ.भा.वै.म के स्वर्गवासी पदाधिकारियों को श्रद्धांजलि दी गई। 

इस बैठक में सभी प्रदेश के अध्यक्ष एवं कार्यसमिति सदस्य उपस्थित रहेंगे जिसमें वैश्य समाज के राजनीतिक सशक्तिकरण के साथ ही सभी प्रदेश में संगठन के विस्तार पर चर्चा की गई। श्री संगलाल गुप्ता, सांसद व श्री आदेश गुप्ता, अध्यक्ष, भाजपा दिल्ली प्रदेश भी इस महासम्मेलन में मौजूद थे।

सांसद संगम लाल गुप्ता ने जोर देकर कहा की "उत्तर प्रदेश का चुनाव देखते हुए कहा वैश्य समाज की उपस्तिथि दर्ज कराने हेतु एक वैश्य महाकुंभ का सम्मेलन जनवरी में करनी चाहिए "

वैश्य समाज की इस बैठक में सामाजिक प्रस्ताव पर चर्चा कर वैश्य समाज के घटकों एवं महापुरषों के इतिहास का संकलन करने के साथ-साथ राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गई। साथ ही जनगणना का आधार चार वर्णों  के आधार पर किया जाए।

अध्यक्ष डॉ. गिरीश संघी ने संबोधन में कहा, "वर्तमान परिपेक्ष्य में वैश्य समाज की आर्थिक व वाणिज्यिक सहकारिता आवश्यक है। हम देश की राजनीतिक भागीदारी का अभिन्न हिस्सा बनना चाहते हैं जिससे हमें विमुख रखा गया है। इसका प्रमुख कारण वैश्य समाज का विभिन्न जातियों में बंट जाने के साथ हुआ है। वैश्य समाज के सामाजिक उत्थान व वैश्य समाज के प्रगति पर ज़ोर देना चाहिए। जातियों के बजाय वर्णों के आधार पर जनगणना देशहित में है।"

अध्यक्ष श्री गिरीश संघी ने वैश्य समाज के योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए चर्चा की। उन्होंने बोला "राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भामा साह, राम मनोहर लोहिया व लाला लाजपत राय जैसी महान विभूतियां वैश्य समाज की ही देन हैं। इस समाज के लोग सेवा-समर्पण-संस्कार-सहयोग संग त्याग की प्रतिमूर्ति रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था व उद्योग जगत को सुचारू रूप से गतिमान बनाने में वैश्य समाज का अविस्मरणीय योगदान रहा है।   हमें एकता के सूत्र में बंधकर राष्ट्र की राजनीति को साफ-सुथरी बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए।"

श्री उमेश अग्रवाल, पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तर प्रभारी, द्वारा सभी राज्यों में अखिल भारतीय वैश्य महासभा की गतिविधियों पर रिपोर्ट पेश की गई। इस महासम्मेल में वैश्विक व देशव्यापी सदस्यता अभियान पर चर्चा की गई। अंत में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठकों के बारे में निर्णय लिया गया। 

श्री आदेश कुमार गुप्ता , अध्यक्ष भाजपा दिल्ली प्रदेश इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए और उन्होंने कहा की, वैश्य समाज हमेशा से मददगार साबित हुआ है । भारतीय समाज पे जब भी कोई समस्या आई है तब तब वैश्य समाज हमेशा आगे आया है , और उन्होंने  वैश्य समाज के भाईचारे पे जोर दिया । 


श्रीमती अरुणा ओसवाल, अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ एवं श्री दलीप गांधी, पूर्व सांसद इस महासम्मेलन में मौजूद रहे, आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एस एन चांडक  ने किया। कार्यकारिणी की बैठक पर फ़ैसला लिया गया। कार्यक्रम का संचालन अ. भा. वै. म के राष्ट्रीय महामंत्री श्री गोपाल मोर ने किया।

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