उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन आपको बता दें कि समवादी पार्टी को भाजपा ने चुनाव से पहले ही बड़ा झटका दे दिया है। बीजेपी का समर्थन प्राप्त समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुना लिया गया है ।नितिन अग्रवाल ने सपा के उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को 244 वोटों से हराया है। नितिन अग्रवाल सात बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं।
उन्होंने खुद साल 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी हालांकि सपा पार्टी से कुछ अनबन होने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। यूपी विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के लिए आज सुबह लगभग 11.45 बजे शुरू मतदान हुआ और दोपहर तीन बजे तक चला। इसके बाद परिणाम घोषित किए गए। नितिन अग्रवाल को 304 वोट मिले जबकि नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले।
इसके साथ ही जिसमें चार वोट रद्द भी हुए। इस चुनाव के लिए बीजेपी ने जहां सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया था तो सपा ने पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा था। बीजेपी ने हरदोई सदर विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक नितिन अग्रवाल का यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन कराया। बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को खड़ा करके इस इलेक्शन को सपा बनाम सपा बना दिया।
ऐसा पहली बार है कि सत्ता समर्थित प्रत्याशी यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष बना है। बीजेपी ने तकनीकी तौर पर विपक्षी दल सपा के ही विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन देकर एक साथ दो निशाने साध लिए और अपना उपाध्यक्ष बनवा लिया है। यूपी विधानसभा को करीब 14 साल बाद उपाध्यक्ष मिला है। आखिरी बार साल 2007 में राजेश अग्रवाल यूपी विधानसभा के आखिरी डिप्टी स्पीकर थे।
इसके लिए आज विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया। मतदान शुरू होने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने संसदीय परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाते हुये सदन से बहिर्गमन किया। 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बीजेपी के 304 विधायक हैं और समाजवादी पार्टी के पास 49 विधायक हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 9 विधायक हैं। विधानसभा में बसपा के 16 विधायक हैं। कांग्रेस ने भी चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करने का फैसला किया, उसके पास सात विधायक हैं।