देश में निरंतर हो रही आपदाओं और महामारियों को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने गुरुवार को पुणे में सुरक्षा तैयारियों' के विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा योजना को इन सभी चुनौतियों और रणनीतियों को अधिकतम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए ध्यान में रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि आपदाओं और महामारियों से विद्रोह से नहीं निपटा जा सकता है। सूचना क्रांति के युग में झूठे और प्रेरित प्रचार से लोगों की रक्षा करना भी नितांत आवश्यक हो गया है।
आपको बता दें अजित डोभाल ने कहा कि युद्ध देश के राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लागत प्रभावी साधन बनते जा रहे हैं। 'यह सामाजिक असंतुलन उत्पन्न करता है, जो राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और यहां तक कि एक राष्ट्र की बाहरी एवं आंतरिक खतरों का डटकर मुकाबला करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अब युद्ध के नए क्षेत्र क्षेत्रीय सीमाओं से सिविल सोसाइटी में स्थानांतरित हो गए हैं। लोगों के स्वास्थ्य, उनकी भलाई और सुरक्षा की भावना और सरकार की उनकी धारणा जैसे कारक राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं। पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर पुणे डायलॉग (पीडीएनएस) 2021 में डोभाल ने विषय पर बोलते हुए कहा, 'आप सभी वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में हो रहे परिवर्तनों से अवगत हैं।
डोभाल ने कहा कि यह नए तरह के खतरे बड़े पैमाने पर बहु-स्तरीय खतरे उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर इनमें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की रक्षा करना, चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करना, लोगों का साथ देना, खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना शामिल है।