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57 साल की उम्र में रह रहे अकेले

परिवार में दो युवा पुत्र होते हुए भी 57 साल की उम्र में यह शख्स खुद का मकान होते हुए रह रहे हैं किराए के कमरे में वह भी बड़ी कठिन परिस्थितियों में

JASPREET SINGH
  • Mar 28 2021 12:48AM
कई बार जीवन में जो नहीं सोचा होता जब वह किसी इंसान के साथ घटित होता है तो उस इंसान के लिए जीवन बड़ा दुखदाई सा हो जाता है बिल्कुल सही पढ़ा आपने जैसा कि आप इस तस्वीर में देख रहे हैं इन शख्स का नाम है राजेश कुमार गोयल जिनकी उम्र 57 वर्ष की हो चुकी है उनके जीवन की सबसे बड़ी विडंबना है उनके दो जवान पुत्र होते हुए भी इस उम्र में आकर उन्हें अपनाने से मना कर रहे हैं और उससे भी दुखदाई यह बात है राजेश जी का खुद का घर होते हुए उन्हें किराए के कमरे में रहना पड़ रहा है उम्र के इस पड़ाव में जैसे तैसे करके वह खाना बनाते हैं खुद ही अपने वस्त्रों को धोते हैं और नमकीन का छोटा सा व्यापार कर अपना जीवन यापन जैसे तैसे कर रहे है सुदर्शन को अपनी व्यथा बताते हुए उनके अश्रु नहीं थम रहे थे राजेश कुमार बताते हैं कि उन्होंने कितनी बार प्रयास किए कि बड़े बेटे से बात कर उसे समझाया जाए की गलतफहमीयो की वजह से यह परिस्थितियां उत्पन्न हुई लेकिन वह कहते हैं जब जब उन्होंने प्रयास किए उनके पुत्र को फोन किया तब तब उसने किए गए प्रयासों को विफल किया है वह बताते हैं कि अभी कुछ समय पहले बड़े पुत्र का एक्सीडेंट हुआ था जिसमें कि उसे पैर में गंभीर चोट आई थी तब उन्होंने प्रयास कर पैसे इकट्ठे किए और जब उन्हें अपने बड़े पुत्र को मिलने के लिए पूछा तो पुत्र ने साफ फोन पर बोला आपको आने की कोई जरूरत नहीं है और अपने पैसे अपने पास रखिए हमदर्दी का दिखावा ना करें और दोबारा कॉल ना करें इससे पूर्व जब एक बार राजेश कुमार गोयल ने अपने खुद के घर जोकि विज्ञान नगर पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में स्थित है जब इन्होंने जाने का प्रयास किया अपने माता पिता को लेकर तब भी वहां के रहने वाले आस-पड़ोस के लोग और बड़े बेटे ने अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया और राजेश जी के अधेड़ माता पिता और राजेश जी को घर में घुसने नहीं दिया जबकि उन्होंने कोटा कलेक्टर के मार्फत जनसुनवाई में अपने माता पिता के साथ अपने घर जाने की फरियाद रखी थी जिस पर अमल भी हुआ था लेकिन उन्होंने बताया की कलेक्टर के आदेश पर जब विज्ञान नगर थाने से दो कॉन्स्टेबल पूछताछ के लिए गए तो लोगों ने इनके खिलाफ कई भ्रांतियां फैला दी उसके बाद जब प्रशासन द्वारा इन्हें कोई मदद नहीं मिली तब यह बिल्कुल हताश हो गए आज इनके जीवन में अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं है क्योंकि कुछ समय पहले इनकी पत्नी का देहांत हो गया उसके बाद इनके पिताजी का देहांत हो गया उसके बाद अभी कुछ समय पहले इनके भाई का देहांत हो गया समझ नहीं आता के मानवता कहां चली गई है अधेड़ उम्र के इंसान को खुद का घर होता हुए ऐसे जीवन बिताना पड़ रहा है खुद की संतान होते हुए इस उम्र में संघर्ष करना पड़ रहा है आपसी कलह मनमुटाव किन में नहीं होते अच्छे अच्छे दोस्तों में दूरियां आ जाती है लेकिन अगर वह एक दूसरे को समझ जाते हैं दूरियां खत्म भी हो जाती है लेकिन यदि एक इंसान दूसरे इंसान को अपना दुश्मन ही समझ बैठे तो फिर कुछ नहीं किया जा सकता समझ नहीं आता के कोई रिश्तो की अहमियत क्यों नहीं समझता दूसरों की बातों में आकर अपने रिश्ते खराब कर लेता है सोचिए कभी कोई इंसान कितना मजबूर हो जाता है कितना दुखी हो जाता है कितना हताश हो जाता है कि उसे अपने भरे पूरे परिवार को छोड़कर बहुत मजबूरी में निकलना पड़ता है जबकि वह सभी तरफ से सक्षम होता है कुछ ऐसा ही राजेश कुमार गोयल के साथ भी हुआ है जिनके दुख को किसी ने समझा नहीं बस उन्हें ही गलत ठहराते गए फिर चाहे वह उनकी पत्नी हो या उनके बच्चे या अन्य लोग उन्होंने अपनी सफाई देने की कोशिश भी की जब कुछ समय बाद वह अपने घर हिम्मत जुटा कर गए लेकिन तब भी उन्हें दुत्कार दिया गया उसके बाद इन्होंने बहुत ही मुश्किल समय में अपना जीवन व्यतीत किया है इस बीच इनका पथरी का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है राजेश कुमार का कहना है कि कई बार आत्महत्या करने का मन करता है लेकिन यह सोचता हूं की दुनिया यह ना कहे कि मैं बड़ा हिम्मतवाला था मैंने ऐसा कैसे कदम उठा लिया उनका कहना है कि जब तक जीवित हूं संघर्ष करता रहूंगा जिंदगी के साथ अंत में उन्होंने बड़े भावुक मन से बोला कि मैं किसी स्वार्थ वश अपने घर नहीं जाना चाह रहा बच्चों और उनके बीच जो मनमुटाव है उसे कोशिश है कि खत्म कर सकू मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं मेरी बची कुची जिंदगी मेरे बच्चों के बीच बीत जाए उनको कुछ अच्छी गाइडेंस दे सकूं ताकि आने वाले समय में वह जीवन की परिस्थितियों से लड़ सकें इसी के साथ सुदर्शन आपसे अपील करता है की इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए प्रशासन तक पहुंचाया जाए जिससे यह शीघ्र अति शीघ्र अपने घर पर जा सके

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