लव जिहाद, लैंड जिहाद, के बाद अब गज़वा ए हिन्द का ख्वाब पाले बैठी ताकतों ने कथा जिहाद को अपना नया हथियार बना लिया है।हिंदुत्व और हिन्दुस्थान ने हमेशा इन गज़वाइयों की उम्मीदों में पलीता लगाने का काम किया है।
पेट्रो डालर की ताकत में अंधी इन इस्लामिक ताकतों ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए हमेशा हिन्दू और हिंदुत्व को चोट पहुंचाने के लिए निर्दोषों के खून से हाँथ रगने से भी कभी गुरेज़ नहीं किया है। तभी तो लम्बे समय से कश्मीर में आतंकवादियों को भी इनका आर्थिक समर्थन मिलता रहा है। इधर हिंदुस्तान की सेना की आक्रामकता से डरे सहमें इन कायरों ने फिर से हिन्दू और हिंदुस्तान को घायल करने के लिए अपना सदियों पुराना लुका छुपी का कायराना खेल शुरू कर दिया है।
इनके इस नापाक खेल का नाम है कथा जिहाद। इसमें इनके साथी बन रहें हैं कुछ तथाकथित कथा वाचक। वो कथा वाचक जो वस्त्र तो भगवा या हिन्दू संतों के धारण करते हैं लेकिन वो प्रचार प्रसार कर रहे हैं इस्लामियत का... राम कथा या श्रीमद भागवत की कथा के नाम पर हिंदुत्व के अनुयाइयों को बड़ी संख्या में एकत्र कर ये भटके हुए संत मोटी रकम लेकर इस्लामियत का प्रचार करते हैं और सनातन धर्म को कलंकित कर रहे हैं।
यह एकदम सही है कि ये इस्लामियत से प्रभावित नहीं हैं। क्योंकि अगर ये इस्लामियत को अहमियत दे रहे होते तो अब तक इस्लाम धर्म स्वीकार कर चुके होते, अगर ये इस्लामियत से इतने ही प्रभवित हैं तो इनके इस्लाम धर्म स्वीकार करने से किसी को कोई आपत्ति नहीं होती। जाहिर सी बात है कि इन विधर्मियों की निगाह कुछ एक तथाकथित संतों के इस्लामीकरण पर है भी नहीं, बल्कि ये कथा जिहाद की आड़ में एकमुश्त रूप से बड़ी जनसँख्या को निशाना बनाने की फ़िराक में हैं।