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कभी खुद को बाहुबली सुन कर इतराने वाले अतीक का बेटा गया था सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तारी से बचने के लिए... ये मिला जवाब

बाहुबली अतीक अहमद के बाद अब बेटा उमर की भी गिरफ्तारी तय, SC ने ठुकराई अग्रिम जमानत याचिका

Shiv Kumar
  • Feb 23 2021 6:15PM
बाहुबली अतीक अहमद के संरक्षण में गुनाहों का सम्राज्य चलाने वाले हर व्यक्ति का नंबर धीरे- धीरे आ रहा है। फिर वो रिश्तेदार हों या परिवार के सदस्य सभी के पापों का घड़ा अब फूटता नज़र आ रहा है। इसी कड़ी में अब उसके बेटे का नंबर आ गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

अग्रिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया मना 

दरअसल उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर को आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उमर को एक व्यवसायी को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने और उससे मारपीट करने के मामले में अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया। उसके खिलाफ लखनऊ की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी पहले से ही किया गया है।

जेल के बैरक में मोहित जयसवाल की पिटाई की मामला

बता दें कि कि 26 दिसंबर 2018 को प्रॉपर्टी कारोबारी मोहित जायसवाल को मोहम्मद उमर ने 25-30 गुंडों के साथ लखनऊ के अगवा कर लिया था। वह मोहित को देवरिया जेल में बंद अपने पिता अतीक अहमद के पास ले गया। वहां जेल के बैरक में मोहित जयसवाल की पिटाई की और 45 करोड़ रुपए की जमीन के कागज पर जबरन दस्तखत करवा लिए। 

मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी थी

यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। घटना की जानकारी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और अतीक को गुजरात की हाई सिक्योरिटी जेल में भेजने का आदेश दे दिया। बाद में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी। जून 2019 में सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज की। 23 जुलाई 2019 को लखनऊ की विशेष कोर्ट ने मोहम्मद उमर को पेश होने के लिए समन जारी किया। मोहम्मद उमर के पेश न होने पर इस 12 फरवरी को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।

कोर्ट ने उमर के वकील को लगाई फटकार

मोहम्मद उमर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। जिसकी सुनवाई आज जस्टिस एनवी रमना, सूर्य कांत और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने की. उमर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील पी एस पटवालिया ने अग्रिम जमानत की गुहार की। लेकिन जजों ने इससे मना करते हुए से कहा, "कई लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती। आपको जुलाई 2019 में समन जारी हुआ था. अब जब कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है, तब आप अग्रिम जमानत मांग रहे हैं. लेकिन इस मामले में आपको कोई राहत नहीं दी जा सकती है। हम याचिका खारिज कर रहे हैं।"

कानून और जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना इन बाहुबलीयो के लिए आम था पर सरकार बदलने के साथ ही इन सभी पर तबतोड़ कार्रवाई की जा रही है। जिससे इन्हें अब कानून का सहारा लेना पड़ रहा है, पर अब इनके कर्मों के कारण कानून भी इनका साथ नहीं दे रहां है।

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