इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ
अपने भवन की मरम्मत या निर्माण कराने की योजना बना रहे आम नागरिकों को बेवजह अधिकारियों के पास चक्कर न लगाने पड़े। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जन सामान्य के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस निर्देश में निर्मित क्षेत्र, ग्रामीण आबादी में भवन निर्माण, मरम्मत, विस्तारीकरण के लिए लोगों के अधिकारों की जानकारी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि नागरिक इस क्रम में क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।
इन कार्यों के लिए अनुमति जरूरी नहीं-
- ऐसे खिड़की या दरवाजे या रोशनदान का खोलना अथवा बन्द करना, जो किसी दूसरे की सम्पत्ति की और न खुलते हों।
- आन्तरिक संचालन हेतु दरवाजों का प्राविधान।
- न्यूनतम मापदण्डों का उल्लंघन न होने पर आन्तरिक विभाजन।
- बागवानी सफेदी करना, रंगाई करना।
- दोबारा फर्श निर्माण प्लास्टर करना या प्लास्टर की मरम्मत
- अपनी भूमि पर 0.75 मीटर चैड़े सनशेड का निर्माण।
- अपने भूखण्ड के सीमाकंन उपरांत सड़क की मध्य रेखा से अधिकतम 1.65 मीटर ऊँची बाउण्ड्रीवाल का निर्माण, याद रहे कि महायोजना, जोनल प्लान, ले आउट प्लान में निर्धारित सड़क की चौड़ाई के अन्तर्गत आने वाली जमीन पर बाउंड्री नहीं बनाई जा सकती।
- छत/टेरेस, बालकनी/बरामदे में पैरापेट का निर्माण।
- भवन उपविधियों में प्राविधानित मानकों के अनुसार पोर्टिको/पोर्च का निर्माण।
- सेप्टिक टैंक/सोक पिट का निर्माण, हैण्ड पम्प लगाना।
- निर्माण कार्य हेतु अस्थाई वाटर टैंक का निर्माण।
- प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हुए भवन को उस सीमा तक जिस सीमा तक नष्ट होने से पूर्व निर्माण था, का पुनर्निर्माण।
- वर्षा जल के संचयन, संरक्षण एवं हार्वेस्टिंग हेतु आवश्यक संरचनाओं (भूमिगत वाटर टैंक सहित) का निर्माण।
- वैकल्पिक सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने हेतु छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण।
-निर्मित क्षेत्र में 100 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर आवासीय निर्माण हो सकता है। इन पर दोबारा निर्माण या जीर्णोंद्धार भी करवा सकते हैं। इनके लिए अनुमति जरूरी नहीं। शर्त है कि महायोजना, भवन उपविधियों के अनुसार सैटबैक छोड़े गए हों, निर्माण तीन मंजिल से अधिक न हो या अनाधिकृत रूप से विभाजित न हो।
- मौजूदा सड़क की चौड़ाई 4.0 मीटर से कम होने पर भूखंड के सामने का हिस्सा सड़क की मध्य रेखा से 2.0 मीटर दूरी पर होना चाहिए। सामने का सैटबैक 1.2 मीटर हो।